आखिर ऐसा क्या हुआ कि वेंकैया नायडू ने सांसदों से 'भीख मांगने' से बचने को कहा

सभापति ने व्यवहार को नियंत्रित करने वाला यह नियम उस समय दिया जब केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री पी.पी.चौधरी सदन में अपने मंत्रालय से संबंधित दस्तावेज रखने के लिए खड़े हुए.

आखिर ऐसा क्या हुआ कि वेंकैया नायडू ने सांसदों से  'भीख मांगने' से बचने को कहा

राज्यसभा सभापति एम वेंकैया नायडू (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

राज्यसभा सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन में मौजूद सांसदों से 'भीख मांगने' से बचने को कहा है. दरअसल, शुक्रवार को राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने मंत्रियों और सदस्यों से फिर कहा कि सदन के पटल पर कोई पेपर, रिपोर्ट रखने के दौरान वे वाक्य 'आई बेग टू' का प्रयोग करने से बचें. बता दें कि अंग्रेजी के 'बेग' का शाब्दिक अर्थ भीख होता है. सभापति ने व्यवहार को नियंत्रित करने वाला यह नियम उस समय दिया जब केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री पी.पी.चौधरी सदन में अपने मंत्रालय से संबंधित दस्तावेज रखने के लिए खड़े हुए.

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चौधरी ने कहा, "सर, विद योर परमिशन, आई बेग टू ले ऑन द टेबल ऑफ द हाउस पेपर्स लिस्टेड अंडर माई नेम." इस पर नायडू ने टोका और कहा "नो बेगिंग प्लीज...मैंने यह पहले भी कहा है लेकिन आप शायद उस समय मौजूद नहीं थे. मैंने सदस्यों से कहा था कि पटल पर पेपर रखते समय केवल 'आई सीक परमिशन टू ले द पेपर' या महज 'आई ले द पेपर' कहा करें."

उन्होंने कहा, "यह अच्छा होगा अगर शब्द 'बेगिंग' से बचा जाए." नायडू ने मौजूदा सत्र के पहले ही दिन सांसदों से शब्द 'बेग' से बचने के लिए कहा था क्योंकि 'इससे औपनिवेशिक विरासत की बू आती है.'

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नायडू के यह कहने के बाद मंत्री इस शब्द का इस्तेमाल करने से बच रहे हैं. चौधरी ने भी शुक्रवार को एक अन्य मामले में दस्तावेज पेश करने के दौरान इस शब्द से परहेज किया. (इनपुट आईएएनएस से)

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