केंद्र ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि वह लोक सेवकों को सरकारी आवास का आवंटन करने के दौरान किसी तरह का पक्षपात नहीं करता. (file pic)
नई दिल्ली: केंद्र ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि वह लोक सेवकों को सरकारी आवास का आवंटन करने के दौरान किसी तरह का पक्षपात नहीं करता, चाहे उनके पास ड्यूटी वाले स्थान पर अपना निजी घर हो अथवा नहीं हो. केंद्र ने साथ ही कहा कि वह किसी लोकसेवक के सेवानिवृत्त होने के बाद निश्चित समय के लिए आवास में रहने को लेकर भी कोई भेदभाव नहीं करता. शहरी विकास मंत्रालय ने मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ को बताया कि केंद्र सरकार के आवास संबंधी नियम सीजीजीपीआरए के तहत सरकारी आवास की मांग करने वाले प्रत्येक कर्मचारी को इस बात का खुलासा करना होता है कि ड्यूटी वाले स्थान पर उनका या उनके परिवार के किसी सदस्य के पास अपना घर है अथवा नहीं है.