प्रखर पत्रकार थीं गौरी लंकेश, खबर को लेकर बीजेपी नेताओं से हुई थी टेंशन

कन्नड़ पत्रकारिता में कुछ महिला संपादकों में शामिल गौरी प्रखर कार्यकर्ता थीं जो नक्सल समर्थक थीं और वामपंथी विचारों को खुले तौर पर प्रकट करती थीं.

प्रखर पत्रकार थीं गौरी लंकेश, खबर को लेकर बीजेपी नेताओं से हुई थी टेंशन

बेंगलुरू में पत्रकार गौरी लंकेश को गोली मार दी गई.

खास बातें

  • गौरी की हत्या विपरीप विचार रखने वालों को खामोश कराने का प्रयास है: सिब्बल
  • कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने कहा, यह लोकतंत्र की हत्या है
  • ममता बनर्जी ने गौरी लंकेश की हत्या को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और खतरनाक बताया
बेंगलुरू:

अपने आवास के बाहर हत्या का शिकार हुईं गौरी लंकेश एक पत्रकार-कार्यकर्ता थीं जो व्यवस्था विरोधी, गरीब समर्थक और दलित समर्थक रुख रखती थीं. कन्नड़ पत्रकारिता में कुछ महिला संपादकों में शामिल गौरी प्रखर कार्यकर्ता थीं जो नक्सल समर्थक थीं और वामपंथी विचारों को खुले तौर पर प्रकट करती थीं. वर्ष 1962 में जन्मीं गौरी कन्नड़ पत्रकार और कन्नड़ साप्ताहिक टैबलॉयड 'लंकेश पत्रिका' के संस्थापक पी. लंकेश की बेटी थीं. उनकी बहन कविता और भाई इंद्रजीत लंकेश फिल्म और थियेटर हस्ती हैं.

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अपने भाई और पत्रिका के प्रोपराइटर तथा प्रकाशक इंद्रजीत से मतभेद के बाद उन्होंने लंकेश पत्रिका के संपादक पद को छोड़कर 2005 में कन्नड़ टैबलॉयड 'गौरी लंकेश पत्रिका' की शुरुआत की थी.

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बीजेपी सांसद प्रह्लाद जोशी और पार्टी पदाधिकारी उमेश दोषी की ओर से दायर मानहानि मामले में पिछले वर्ष हुबली के मजिस्ट्रेट की अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया था, जिन्होंने 23 जनवरी 2008 को उनकी पत्रिका में प्रकाशित एक खबर पर आपत्ति जताई थी.

VIDEO:पत्रकार गौरी लंकेश की गोली मारकर हत्या

गौरी समाज की मुख्य धारा में लौटने के इच्छुक नक्सलियों के पुनर्वास के लिए काम कर चुकी थीं और राज्य में सिटीजंस इनिशिएटिव फॉर पीस (सीआईपी) की स्थापना करने वालों में शामिल रही थीं.

इनपुट: भाषा


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