आईए जानें भारतीय वायुसेना के लिए क्यों खास है एएन-32 विमान

आईए जानें भारतीय वायुसेना के लिए क्यों खास है एएन-32 विमान

एएन 32 विमान

खास बातें

  • वायुसेना के पास ऐसे 100 के करीब विमान हैं
  • इस विमान को वायुसेना में 1984 में शामिल किया गया था
  • दुनियाभर में ऐसे करीब 250 विमान सेवा में हैं
नई दिल्ली:

सेना के 29 लोगों को चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर ले जा रहा भारतीय वायुसेना का परिवहन का विमान एएन-32 सुबह से लापता है। टेक ऑफ के 16 मिनट बाद ये विमान रडार की जद से बाहर हो गया। चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर की दूरी 1200 किलोमीटर है। इस विमान को 11.30 तक पोर्ट ब्लेयर पहुचना था लेकिन अब तक नहीं पहुंच पाया है।

इसको लेकर सेना का युद्धस्तर पर सर्च ऑपरेशन जारी है। बेशक ये विमान लापता है लेकिन सेना के लिए ये काफी भरोसेमंद विमान रहा है। वायुसेना के पास ऐसे 100 के करीब विमान हैं। इस विमान को वायुसेना में 1984 में शामिल किया गया था।
दुनियाभर में ऐसे करीब 250 विमान सेवा में हैं। 

इस विमान को नागरिक और सैनिक दोनों हिसाब से डिजाइन किया गया है। वैसे ये विमान रूस के बने हुए हैं जिसमें दो इंजन होते हैं। ये विमान हर तरह के मौसम में उड़ान भर सकता है। रूस के बने हुए ये दो इंजन वाले विमान काफी भरोसेमंद हैं। इसका इस्तेमाल हर तरह के मैदानी, पहाड़ी और समुद्री इलाकों में किया जाता रहा है। चाहे वो सैनिकों को पहुंचाने की बात हो या समान के ढ़ोने की।

इस विमान की क्षमता क्रू सहित करीब 50 लोग या 7.5 टन पैसेंजर ले जाने की है। 530 किलोमीटर प्रतिघंटा उड़ान भरने वाले इस विमान का रेंज 2500 किलोमीटर तक है। ये विमान बिना ईंधन भरे जाने के चार घंटे तक उड़ान भर सकता है। वायुसेना के पश्चिमी कमान के पूर्व प्रमुख एयर मार्शल एके सिंह ने कहा कि इस विमान का ट्रैक रिकॉर्ड काफी बढ़िया रहा है और इसको अपग्रेड भी किया गया है, लेकिन इसका अचानक लापता होना दुर्भाग्यपूर्ण है।

वायुसेना में मौजूदा एएन-32 ने केवल आधुनिक साजो समान से लैस है बल्कि ये नए संचार सिस्टम,  बेहतर लैडिंग व्यवस्था जैसे सिस्टम से भी लैस है। अपग्रेड होने के बाद इसकी लाइफ 15 से 20 साल तक बढ़ गई है। दूसरे रूसी विमान की तरह ये ज्यादा आरामदायक तो नहीं है लेकिन सैन्य और नागरिक जरूरतों के लिहाज बेहत उत्तम है।


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