मालदा और पूर्णिया की घटनाओं पर विजयवर्गीय बोले- 'क्यों खामोश हैं पुरस्कार लौटाने वाले'

मालदा और पूर्णिया की घटनाओं पर विजयवर्गीय बोले- 'क्यों खामोश हैं पुरस्कार लौटाने वाले'

कैलाश विजयवर्गीय (फाइल फोटो)

इंदौर :

मालदा और पूर्णिया की हिंसक घटनाओं को देश के लिए चिंताजनक करार देते हुए भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि असहिष्णुता के नाम पर सरकारी पुरस्कार लौटाने वाली हस्तियां इन घटनाओं पर चुप क्यों हैं? विजयवर्गीय ने कहा कि पिछले दिनों मालदा और पूर्णिया में जो हिंसक घटनाएं सामने आईं, वे देश के लिए चिंताजनक हैं। असहिष्णुता के नाम पर सरकारी पुरस्कार लौटाने वाली हस्तियां इन घटनाओं पर खामोश क्यों हैं?

'क्या इन घटनाओं पर भी कुछ टिप्पणी करेंगे अभिनेता'
उन्होंने कहा कि कुछ अभिनेता जो पिछले दिनों देश में असहिष्णुता बढ़ने की बात कर रहे थे, क्या वे मालदा और पूर्णिया की घटनाओं पर भी कुछ टिप्पणी करेंगे। मैं मीडिया का बहुत सम्मान करता हूं, लेकिन मीडिया ने जितना वक्त दादरी कांड के कवेरज को दिया, उसका 10 प्रतिशत समय भी पूर्णिया और मालदा की घटनाओं को नहीं दिया। हम मीडिया से अपेक्षा करते हैं कि वह ऐसे चेहरों को बेनकाब करें, जो कानून को अपनी जेब में रखकर घूमते हैं।  
 
'क्‍या मालदा की घटना में तृणमूल कार्यकर्ताओं के शामिल होने का जवाब देंगे ममता'
विजयवर्गीय ने कहा कि भाजपा के पश्चिम बंगाल प्रभारी ने आरोप लगाया कि मालदा की हिंसक घटना में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और ऐसे असामाजिक तत्वों की प्रमुख भूमिका थी, जिन पर बांग्लादेश से गायों, अफीम और नकली भारतीय मुद्रा की तस्करी के गंभीर आरोप हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कह रही हैं कि मालदा की घटना सांप्रदायिक झगड़ा नहीं थी। चलिए, हम एक पल को उनकी बात मान लेते हैं, लेकिन क्या वह मालदा की घटना में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के शामिल होने के सवालों का जवाब देंगी?

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'मालदा की घटना को चुनावी मुद्दा नहीं बनाना चाहते...'
विजयवर्गीय ने एक सवाल पर कहा कि हम पश्चिम बंगाल के आगामी विधानसभा चुनावों में मालदा की घटना को चुनावी मुद्दा नहीं बनाना चाहते, लेकिन इस प्रदेश के लोगों को इस बात की चिंता जरूर करनी चाहिए कि अगर ममता और उनकी सरकार इस घटना में शामिल लोगों के पक्ष में यूं ही खड़ी रहती है, तो कहीं ऐसा न हो कि पश्चिम बंगाल आने वाले दिनों में मिनी बांग्लादेश बन जाए। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी द्वारा वर्ष 2012 का सैन्य कूच विवाद उठाए जाने पर भाजपा महासचिव ने कहा कि तिवारी के पास अपने दावे के समर्थन में कोई प्रमाण नहीं है। वह अप्रामाणिक बातें कर केवल सनसनी फैलाना चाहते हैं।