पेट्रोल-डीजल की बढ़ रही कीमतों बीच आखिर क्‍यों केंद्र और राज्‍य सरकारें नहीं घटा रहीं टैक्‍स

सोमवार को पेट्रोल के दाम लगातार पंद्रहवें दिन बढ़ गए. दिल्ली में भी पेट्रोल 78 रुपये पार कर गया. 14 मई, 2018 को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 74.80/लीटर थी जो 28 मई 2018 को बढ़कर 78.27/लीटर पहुंच गया.

पेट्रोल-डीजल की बढ़ रही कीमतों बीच आखिर क्‍यों केंद्र और राज्‍य सरकारें नहीं घटा रहीं टैक्‍स

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

खास बातें

  • सरकार पेट्रोल-डीज़ल पर टैक्स घटाने को तैयार नहीं है
  • संकेत हैं कि मौजूदा हालात में सरकार ड्यूटी नहीं घटाएगी
  • कच्चे तेल की कीमतों में 1 डॉलर से कुछ ज्यादा की गिरावट दर्ज़ की गयी है
नई दिल्‍ली:

पेट्रोल-डीज़ल पिछले 15 दिनों से लगातार महंगा होता जा रहा है लेकिन सरकार पेट्रोल-डीज़ल पर टैक्स घटाने को तैयार नहीं है. संकेत हैं कि मौजूदा हालात में सरकार ड्यूटी नहीं घटाएगी. फिलहाल सोमवार को कच्चे तेल की कीमतों में 1 डॉलर से कुछ ज्यादा की गिरावट दर्ज़ की गयी है. सोमवार को पेट्रोल के दाम लगातार पंद्रहवें दिन बढ़ गए. दिल्ली में भी पेट्रोल 78 रुपये पार कर गया. 14 मई, 2018 को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 74.80/लीटर थी जो 28 मई 2018 को बढ़कर 78.27/लीटर पहुंच गया. यानी 3.47 प्रति लीटर (+ 4.6%) की बढ़ोतरी.

यही हाल डीज़ल की कीमतों का भी रहा. 15 दिन में डीज़ल 3 रुपये लीटर महंगा हो गया. 14 मई, 2018 को दिल्ली में डीज़ल की कीमत 66.14/लीटर थी जो 28 मई, 2018 को बढ़कर 69.17/लीटर हो गयी. यानी 3.03 रुपये प्रति लीटर (+ 4.58%) की बढ़ोतरी.

लेकिन इस दौरान दबाव के बावजूद भारत सरकार ने टैक्स नहीं घटाया. संकेत हैं कि सरकार फिलहाल इसके लिए तैयार नहीं है. दरअसल अब सरकार की नज़र अंतरराष्ट्रीय तेल बाज़ार पर है जहां सोमवार को Brent Crude Index में फिर गिरावट दिखी. 14 मई 2018 को कच्चे तेल की कीमत 78.23 डॉलर प्रति बैरल थी जो 28 मई को घटकर 75.09 डॉलर बैरल हो गयी, यानी 4 फीसदी की गिरावट.

फिक्की के सेक्रेटरी जनरल दिलीप चेनाय ने एनडीटीवी से कहा, "ये राहत की खबर है सरकार के लिए." केन्द्र और राज्य सरकारें पेट्रोल-डीज़ल पर टैक्स घटाने के सवाल पर चुप हैं क्योंकि इससे 2013 से 2017 के बीच भारत सरकार और राज्य सरकारों ने करीब 16 लाख करोड़ की कमाई की है. इस दौरान केंद्र सरकार ने दिसंबर 2017 तक पेट्रोलियम पदार्थों पर टैक्स लगाकर 8,35,057 करोड़ कमाए जबकि राज्य सरकारों ने कुल 7,64,079 करोड़ कमाए.

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने एनडीटीवी से कहा, "पेट्रोलियम पदार्थों पर औसतन टैक्स 27 फीसदी है. मुझे लगता है कि इसमें राज्यों को 3% से 4% तक कटौती करनी चाहिये. इससे उनकी वित्तीय हालत पर ज़्यादा असर नहीं पड़ेगा."

VIDEO: पेट्रोल-डीजल पर भी जीएसटी लगाया जाए: एसोचैम


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