...तो इसलिए नक्सलियों ने सुकमा जिले की चिंतागुफा को हमले के लिए चुना

...तो इसलिए नक्सलियों ने सुकमा जिले की चिंतागुफा को हमले के लिए चुना

सुकमा में नक्सलियों का हमला

नई दिल्ली:

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के चिंतागुफा थाना क्षेत्र के अंतर्गत बुरकापाल में हुए नक्सली हमले में 25 जवान शहीद हुए. यह इस साल का सबसे बड़ा हमला है. जानकारी के मुताबिक- वहां 250-300 हथियारबंद माओवादी थे. सवाल ये भी है कि नक्सलियों ने हमले के लिए इस जगह को क्यों चुना. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि यह घने जंगलों वाला दूरदराज का इलाका है. यहां सुरक्षाबलों को छकाना नक्सिलयों के लिए आसान होता है. इसके अलावा कच्चा इलाका है. सरकारी सुविधाएं ग्रामीणों की पहुंच दूर हैं. इसलिए सरकार यहां सड़क निर्माण करवा रही है. ताकि सुविधाएं यहां पहुंचे और लोगों को चुनी हुई सरकार का महत्व पता चले. यह कहना गलत न होगा कि यहां राजनीतिक पहल की कमी है. यहां सरकारी सुविधाएं ग्रामीणों को नहीं मिल पाती इसलिए नक्सलियों का नेटवर्क काफी मजबूत है. ग्रामीणों पर नक्सलियों का प्रभाव भी काफी ज्यादा है. नक्सलियों का प्रचार ज्यादा है.

हाल के नक्सली हमले
11 मार्च 2017: (सुकमा) 12 जवान शहीद
30 मार्च 2016: दंतेवाड़ा में बारूदी सुरंग धमाका, 7 CRPFजवान शहीद
4 मार्च 2016: सुकमा में नक्सलियों से मुठभेड़, 3 CRPF जवान शहीद, कई घायल
11 मार्च 2014: (जीरम घाटी) 14 जवान शहीद
25 मई 2013: (जीरम घाटी) कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला
महेन्द्र कर्मा, विद्याचरण शुक्ल समेत 30 लोगों की मौत
12 मई 2013 (सुकमा) दूरदर्शन केंद्र पर हमला, 4 जवान शहीद
अक्टूबर 2011: (बस्तर) 6 शहीद
जुलाई 2011:(दंतेवाड़ा) 10 शहीद
अगस्त 2011: 11 पुलिस जवान शहीद 
17 मई 2010: 14 विशेष पुलिस अधिकारी समेत 35 लोगों की मौत
6 अप्रैल 2010: (सुकमा) 76 CRPF जवान शहीद
जुलाई 2009: (राजनंदगांव) बारूदी सुरंग विस्फोट, 28 की मौत
26 सितंबर 2009: BJP सांसद बलिराम कश्यप की हत्या


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