84 के सिख विरोधी दंगों में आरएसएस की भूमिका पर ख़ामोशी क्यों : दिग्विजय सिंह

बेंगलुरु:

दिल्ली में 1984 में हुए उस सिख विरोधी दंगों की नए सिरे से जांच की संभावना उत्पन्न होने के बीच दिग्विजय सिंह ने आज हिंसा में आरएसएस स्वयंसेवकों की भूमिका का आरोप लगाया और सवाल किया कि इस मुद्दे पर चुप्पी क्यों है।

कांग्रेस के आत्ममंथन के लिए राज्यप्रभारी के तौर पर बेंगलुरु आए कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह से जब यह पूछा गया कि 1984 में दिल्ली में हुए सिख दंगों की जांच के लिए केंद्र सरकार एसआईटी का गठन करने जा रही है, इस पर वह क्या कहना चाहते हैं। दिग्विजय सिंह ने जवाब दिया की इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जो हिंसा भड़की उस में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की भूमिका पर मीडिया चुप क्यों है। इस बयान के बाद दिग्विजय सिंह ने किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया।

इससे पहले सेना में एक पद एक पेंशन के मुद्दे पर दिग्विजय सिंह का कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फैसला तो ले लिया है लेकिन इसे अब तक अमली जामा नहीं पहनाया गया है।

राहुल गांधी पर पर्यावरण से जुड़े फैसलों को लेकर जो सवाल बागी कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंती नटराजन ने उठाए उसे दुर्भाग्यपुर्ण करार देते हुए दिग्विजय सिंह ने दलील दी कि वन  संरक्षण का कानून इंदिरा गांधी लाई थी, जो इस बात का सबूत है कि कांग्रेस पर्यावरण और आदिवासियों के मामले में काफी संवेदनशील है और यह संवेदनशीलता राहुल गांधी और सोनिया गांधी भी दिखा रही हैं।

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पर्यावरण पर बनी सुब्रमण्यम समिति की रिपोर्ट पर दिग्विजय सिंह ने यह कहते हुए पार्टी की तरफ से आपत्ति जताई की इस रिपोर्ट में 90 फीसदी वनों में खनन की वकालत की गई है जो सही नहीं है।