अयोध्या में क्यों न यूनिवर्सिटी बनाई जाए : राम मंदिर पर बहस के बीच मनीष सिसोदिया का बयान

सुप्रीम कोर्ट अयोध्या मामले में सुनवाई जनवरी में करेगा जबकि आरएसएस और व्हीएचपी जैसे संगठन विशेष आदेश के तहत जल्द चाहते हैं फैसला

अयोध्या में क्यों न यूनिवर्सिटी बनाई जाए : राम मंदिर पर बहस के बीच मनीष सिसोदिया का बयान

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया.

खास बातें

  • कहा- राम राज्य किसी मंदिर के बजाय शिक्षा के जरिए लाया जा सकता है
  • दोनों समुदाय तैयार हों तो यूनिवर्सिटी का निर्माण क्या जाए
  • विशेष आदेश के जरिए अयोध्या मामले में फैसला चाहते हैं कई संगठन
नई दिल्ली:

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर इन दिनों कई संगठन आवाज बुलंद कर रहे हैं. ऐसे वक्त में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने इस विवाद के समाधान के लिए मंदिर की जगह विश्वविद्यालय का निर्माण कराने का सुझाव दिया है.

दशकों पुराना राम मंदिर का मुद्दा अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में फिर गूंजेगा. सुप्रीम कोर्ट ने तय किया है कि वह इस मामले की सुनवाई जनवारी में करेगा. लेकिन कई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और विश्व हिंदू परिषद समेत कई दक्षिणपंथी समूह विशेष आदेश के जरिए अयोध्या मामले में फैसला चाहते हैं.    

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एनडीटीवी से कहा कि ''हिंदुओं और मुस्लिमों, दोनों समुदायों से पूछा जाए कि यदि वे तैयार हों तो वहां यूनिवर्सिटी का निर्माण किया जाए. वहां भारतीय हिंदू, मुस्लिम, ईसाई लोगों के बच्चे ही नहीं विदेशों के बच्चे भी आकर साथ-साथ पढ़ सकेंगे. राम राज्य किसी मंदिर के बजाय शिक्षा के जरिए लाया जा सकता है.''  

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उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने NDTV इंडिया के कार्यक्रम 'हम लोग' में केंद्र की सियासत से लेकर दिल्ली की शिक्षा और सरकार पर अपनी बात रखी. सिसोदिया से जब पूछा गया अगर लगातार केस होंगे तो काम कैसे कर पाएंगे. इस पर उनका कहना है कि केंद्र सरकार ने सारी एजेंसी को हमारे पीछे लगा रखा है. विजय माल्या भाग गया, लेकिन पुलिस मनीष सिसोदिया के पीछे पड़ी है. उनका कहना है प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली ही नहीं देश की सेहत के लिए हानिकारक हैं.

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सिसोदिया ने किसी भी तरह के महागठबंधन में शामिल होने से साफ इनकार करते हुए कहा है कि उनकी पार्टी दिल्ली की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी. हलांकि उन्होंने साफ़ किया कि पूरे देश में 2014 की तरह चुनाव नहीं लड़ेंगे. देशभर में कुछ सीटें हैं जिस पर पार्टी की नज़र है, सिर्फ वहीं लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि 2014 में ज़्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना प्रयोग था.

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राफेल डील को लेकर मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह बहुत बड़ा घोटाला है. जब उनसे पूछा गया कि आशुतोष ने कहा कि उन्हें नाम के आगे गुप्ता लगाने को कहा गया. इस पर उन्होंने कहा कि अगर उन्हें नहीं लगाना था तो जिसने उनसे कहा उसको साफ मना कर देते. उन्होंने इस बात को सिरे से नकार दिया कि पार्टी में टिकट देने में किसी भी जाति का ख्याल रखा जाता है.

VIDEO : अयोध्या में बने विश्वविद्यालय

मनीष सिसोदिया ने कहा कि अगर पिछली सरकारों के दौर में काम होता तो ये हालत नहीं रहती. शिक्षा का बुरा हाल था, जिसे सुधारा जा रहा है. उन्होंने छात्रों के तनाव को ख़त्म करने के लिए दिल्ली के स्कूलों में शुरू किए गए 'हैप्पीनेस करिकुलम' को काफी उपयोगी बताया, लेकिन इस मुहिम के उनके ऑस्ट्रिया दौरे को मंज़ूरी नहीं देने पर सवाल उठाए.


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