तमिलनाडु के इस नेता को क्यों है यकीन, अगली बार वही बनेंगे सीएम

तमिलनाडु के इस नेता को क्यों है यकीन, अगली बार वही बनेंगे सीएम

चेन्नई:

तमिलनाडु में पिछली बार हुए विधानसभा चुनाव में अंबुमणि रामदास की पार्टी को महज छह फीसदी ही वोट मिले थे, लेकिन उनका मानना है कि साल 2016 में होने वाले चुनाव में उन्हें सीएम की कुर्सी मिल सकती है।

पेशे से मेडिकल डॉक्टर रह चुके और महज 36 साल की उम्र में देश के स्वास्थ्य मंत्री रहे रामदास अपनी इस उम्मीद के पीछे तर्क भी देते हैं। उनका कहना है कि तमिलनाडु में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में सीएम पद के संभावित दावेदारों में वह सबसे शिक्षित और सबसे युवा नेता हैं।

पाट्टाली मक्कल कट्चि (पीएमके) की युवा इकाई के प्रमुख डॉ. अंबुमणि ने युवा से जुड़ने के लिए शुक्रवार को 'फोर चेंज' नाम से एक मोबाइल ऐप की भी शुरुआत की।

इस दौरान उन्होंने कहा, 'मैं मतदाताओं के साथ भावनात्मक संपर्क रखना चाहता हूं। इस ऐप के जरिये वे अपने इलाके और यहां तक अपनी गलियों तक की समस्याओं को साझा कर सकेंगे, जिसके बाद हम अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को इन्हें हल करने को कहेंगे।'

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य के कुल पांच करोड़ मतदाताओं में से दो तिहाई युवा है। ऐसे में रामदास का यह कदम इन युवा वोटरों के बीच पैठ बनाने की कोशिश के रूप में देखी जा रही है।

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पिछले कई वर्षों से तमिलनाडु की सत्ता मुख्यमंत्री जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके और करुणानिधि एवं उनके बेटे एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके को ही मिलती रही है। अंबुमणि इस ओर इशारा करते हुए कहते हैं, 'युवाओं को बदलाव चाहिए'। इसके साथ ही वह कहते हैं कि वह 62 वर्षीय स्टालिन और 67 साल की जयललिता की तुलना में काफी युवा है। इनके अलावा सीएम पद के दूसरे दावेदार डीएमडीके के नेता विजयकांत 63 साल के हैं, जबकि करुणानिधि 91 साल के हो चुके हैं।