हिन्दी सम्मेलन में अमिताभ बच्चन को न्योते पर लेखक गिरिराज किशोर ने उठाया सवाल

हिन्दी सम्मेलन में अमिताभ बच्चन को न्योते पर लेखक गिरिराज किशोर ने उठाया सवाल

अमिताभ बच्चन की फाइल फोटो

कानपुर:

विश्व हिन्दी सम्मेलन में भारतीय लेखकों और साहित्यकारों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए गांधीवादी लेखक पद्मश्री गिरिराज किशोर ने कहा है कि देश के लेखकों के स्थान पर फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन को तरजीह देना आपत्तिजनक है। उन्होंने हिंदी साहित्य क्षेत्र में अमिताभ बच्चन के योगदान पर भी सवाल किया।

गिरिराज किशोर ने विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह के उस बयान का भी विरोध किया है, जिसमें कथित रूप से कहा गया है कि भारतीय लेखक आते हैं, खाते हैं, पीते हैं और पेपर पढ़ कर चले जाते हैं।

वरिष्ठ गांधीवादी लेखक और अपनी चर्चित पुस्तक 'पहला गिरमिटिया' के लिए पद्मश्री पुरस्कार से नवाजे जा चुके गिरिराज किशोर ने कहा कि सरकार का अधिकार है कि वह किसको आमंत्रित करती है और किसको नहीं, लेकिन अगर यह केवल सरकारी कार्यक्रम समझा जा रहा है तो।

हिन्दी समारोह में फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन को बुलाए जाने पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि बच्चन के पिता हरिवंश राय बच्चन लेखक और साहित्यकार थे, लेकिन उनके बेटे को क्यों बुलाया गया है? यह समझ से परे है। इसके स्थान पर भोपाल के लेखकों को बुला लिया जाता। भोपाल के दो लेखक तो पद्मश्री हैं। इसके अलावा कई लेखक साहित्यकार साहित्य अकादमी अवार्ड से सम्मानित है, लेकिन उन्हें नहीं बुलाया गया।

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उन्होंने कहा कि वह खुद कई बार विदेशों में आयोजित हिंदी सम्मेलनों में सरकारी प्रतिनिधिमंडल में जा चुके हैं, लेकिन अपने देश में आयोजित सम्मेलन में ही उन्हें बुलाना ठीक नहीं समझा गया। इसके पीछे सरकार की क्या नीति है यह समझ से परे है? उन्होंने कहा कि विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह के कथित बयान से पूरे देश की लेखक बिरादरी का अपमान हुआ है और इससे पूरे देश के साहित्यकार और लेखक आहत हैं।