यह ख़बर 05 दिसंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

10 दिसंबर से रालेगण में अनशन पर बैठेंगे अन्ना हजारे

अन्ना हजारे का फाइल फोटो

नई दिल्ली:

अन्ना हजारे ने गुरुवार को कहा कि वह जनलोकपाल विधेयक को पारित कराने के लिए महाराष्ट्र में अपने पैतृक गांव रालेगण सिद्धी में 10 दिसंबर से बेमियादी अनशन करेंगे।

हजारे ने पहले घोषणा की थी कि वह संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन से दिल्ली में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे। आज उन्होंने कहा कि उनकी हाल ही में एक सर्जरी हुई है और डॉक्टरों की सलाह पर उन्होंने आंदोलन का स्थान बदलकर अपने गांव में करने का फैसला किया है।

हजारे ने कहा, 'मैंने भारत की जनता से वायदा किया था कि अगर सरकार जनलोकपाल विधेयक पारित नहीं करती तो मैं शीतकालीन सत्र के पहले दिन से रामलीला मैदान में अनशन पर बैठूंगा। मेरा हाल में एक जटिल ऑपरेशन हुआ है और मैं पूरी तरह ठीक नहीं हूं। डॉक्टरों ने मुझसे सावधानी बरतने को कहा है।'

उन्होंने कहा, 'मैं दिल्ली के रामलीला मैदान के बजाय 10 दिसंबर से रालेगण सिद्धी में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठूंगा।' उन्होंने कहा कि आंदोलन उनके नवगठित संगठन 'जनतंत्र मोर्चा' के बैनर तले होगा।

हजारे ने कहा, 'हमने अपने संगठन के तहत पिछले छह महीने में लोगों को जोड़ने के लिए सात राज्यों में 700 से अधिक रैलियां की हैं।' उन्होंने कांग्रेस नीत संप्रग और विपक्ष दोनों पर ही निशाना साधते हुए उनकी आर्थिक नीतियों को युवा विरोधी, छात्र विरोधी, गांव विरोधी और गरीब विरोधी कहा।

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हजारे ने कहा, 'बहुराष्ट्रीय कंपनियों को लाने के बजाय सरकार को गांवों के विकास पर ध्यान देना चाहिए और वहां रोजगार के अवसर तैयार करने चाहिए। गांधीजी ने कहा था कि जब तक भारत के गांव विकसित नहीं हो जाते, देश विकसित नहीं होगा।'