IP यूनिवर्सिटी को टॉप पर पहुंचाने के लिए केजरीवाल ने दिया 'ब्लैंक चेक'

नई दिल्ली:

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरूवार को कहा कि उनकी सरकार शिक्षा व्यवस्था के साथ दखलअंदाजी नहीं करेगी और शिक्षण संस्थानों को संसाधन मुहैया कराने पर जोर देगी। केजरीवाल ने कहा कि शिक्षा उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और वह शिक्षण संस्थानों को हर संभव सहयोग देगी। गुरू गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय में 10वें दीक्षांत समाारोह को संबोधित करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, 'राजनीतिक दखल शिक्षा को खाए जा रहा है।'

केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति को 'ब्लैंक चेक' दे दिया और उनसे कहा कि वह इसे दुनिया के 100 शीर्ष विश्वविद्यालयों में शामिल होने योग्य बनाने के लिए खाका तैयार करें। दीक्षांत समारोह में मौजूद उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने देश में शोध की कमी को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि उच्च शिक्षा में दाखिला लेने वाले छात्रों में से सिर्फ एक फीसदी ही अलग-अलग क्षेत्रों में शोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'यह शोध पर ध्यान केंद्रित किए जाने की कमी को दर्शाता है। पीएचडी में भारत का आउटपुट तुलनात्मक रूप से कम है और साल 2012 में विज्ञान के वैश्विक आउटपुट में उसका हिस्सा करीब 3.6 फीसदी है, जबकि चीन का हिस्सा 14 फीसदी है।'

अंसारी ने देश में शोध एवं विकासात्मक आधार को बढ़ाने को लक्ष्य बनाने पर जोर दिया। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि वह शिक्षा व्यवस्था में किसी राजनीतिक दखलअंदाजी की अनुमति नहीं देंगे, बल्कि संस्थानों को सभी जरूरी संसाधन मुहैया कराकर उनकी मदद करेंगे। केजरीवाल ने छात्रों से कहा, 'पैसे कमाना और अपने परिवार की देखभाल करना एक जिम्मेदारी है लेकिन समाज और देश की सेवा करना लोकतंत्र में समान रूप से महत्वपूर्ण है।'

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केजरीवाल ने कहा, 'पांच साल में एक बार बाहर निकलकर मतदान करना निश्चित तौर पर लोकतंत्र में पूरी भागीदारी नहीं मानी जायेगी । अगर हर कोई सिर्फ अपने परिवारों के बारे में सोचेगा जो फिर भारत लोकतंत्र नहीं रह जाएगा।' मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छे लोगों ने राजनीति में आना छोड़ दिया है क्योंकि राजनीति धूमिल हो गई है, लेकिन आप के गठन के बाद कई क्षेत्रों के लोगों ने राजनीति में शामिल होना आरंभ कर दिया।

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