सिंधु जल संधि पर केंद्र जो भी फैसला करेगा, जम्मू-कश्मीर सरकार समर्थन करेगी : निर्मल सिंह

सिंधु जल संधि पर केंद्र जो भी फैसला करेगा, जम्मू-कश्मीर सरकार समर्थन करेगी : निर्मल सिंह

जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह (फाइल फोटो)

खास बातें

  • पाकिस्तान शिमला समझौता नहीं मानता : निर्मल सिंह
  • 'आतंकवादियों को पनाह देकर पाकिस्तान खुद को एकजुट नहीं रख पाएगा'
  • 'जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए आतंकवादी भेज रहा है पाकिस्तान'
कोझिकोड़:

केंद्र द्वारा पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते की समीक्षा करने का संकेत दिए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार 1960 की इस संधि पर जो भी फैसला करेगी, राज्य उसका पूरा समर्थन करेगा.

कोझिकोड़ में बीजेपी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में शामिल होने आए सिंह ने कहा, 'इस संधि ने जम्मू-कश्मीर को भारी नुकसान पहुंचाया है.' क्योंकि राज्य के लोग विभिन्न नदियों खासकर जम्मू में चेनाब के पानी का कृषि एवं अन्य गतिविधियों के लिए पूरा उपयोग नहीं कर पाते हैं.

उन्होंने कहा, 'केंद्र सिंधु जल संधि पर जो भी निर्णय लेगा, राज्य उसका पूरा समर्थन करेगा.' उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग सिंधु जल संधि से राज्य को हो रहे नुकसान का मुद्दा पहले से ही उठा रहे हैं. यदि केंद्र इस संबंध में कोई फैसला करता है तो राज्य सरकार निश्चित ही उसका पूरा समर्थन करेगी.

निर्मल सिंह ने कहा, 'हम उस किसी भी कदम का समर्थन करेंगे जो राज्य के लोगों को लाभ पहुंचाएगा एवं पाकिस्तान को दबाव में लाएगा.' भारत ने इस हफ्ते की शुरुआत में स्पष्ट किया था कि ऐसी संधि के चलते रहने के लिए परस्पर विश्वास एवं सहयोग महत्वपूर्ण हैं.

सरकार का यह कथन इन मांगों के बीच आया कि सरकार को उरी हमले के बाद पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए यह जल वितरण संधि तोड़ देनी चाहिए. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा था, 'यह एक तरफा मामला नहीं हो सकता.' उनसे पूछा गया था कि क्या सरकार भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर सिंधु जल समझौते पर पुनर्विचार करेगी.

निर्मल सिंह ने पाकिस्तान पर भारत के साथ अपने समझौते खासकर 1972 के शिमला समझौते का सम्मान नहीं करने को लेकर प्रहार किया. उन्होंने कहा, 'शिमला समझौता है जिसका पाकिस्तान सम्मान नहीं करता, तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और तत्कालीन पाकिस्तानी राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ के बीच लाहौर घोषणापत्र है, जिसमें इस बात पर सहमति बनी थी कि पाकिस्तान अपने नियंत्रण वाली जमीन का उपायोग भारत के खिलाफ आतंकवाद को प्रश्रय एवं बढ़ावा देने के लिए नहीं करेगा.'

बीजेपी नेता ने कहा, 'यदि वे ऐसे समझौतों एवं घोषणाओं का उल्लंघन कर सकते हैं तो हमें ऐसी संधियों का पालन क्यों करना चाहिए.. वे चाहते हैं कि भारत अंतरराष्ट्रीय संधि होने के आधार पर इस संधि का सम्मान करे.' सिंह ने कहा, 'पाकिस्तान नहीं समझता है कि जिस आतंकवाद को वह प्रश्रय देता है, वह आखिरकार उस पर असर डालेगा. पाकिस्तान खुद को एकजुट नहीं रख पाएगा.. हम पीओके के आतंकवादी संगठनों को बेनकाब करेंगे.'

कश्मीर में अशांति के विषय पर उन्होंने कहा कि राज्य में सामान्य स्थिति लौट रही है और केंद्र एवं राज्य सरकारें शांति बहाली के लिए सभी कदम उठा रही हैं. उन्होंने कहा, 'स्थिति नियंत्रण में है. पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में अशांति पैदा करने के लिए प्रत्यक्ष रूप से आतंकवादियों एवं अपने लोगों को वहां भेज रहा है.'

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com