जयललिता अस्‍पताल में, राज्‍यपाल ने अधिकारियों से सामान्‍य प्रशासन के कामकाज के बारे में जानकारी मांगी

जयललिता अस्‍पताल में, राज्‍यपाल ने अधिकारियों से सामान्‍य प्रशासन के कामकाज के बारे में जानकारी मांगी

खास बातें

  • मुख्‍य नौकरशाहों और ओ पनीरसेल्वम सहित दो वरिष्‍ठ मंत्रियों से मुलाकात की.
  • राज्‍यपाल राव ने जयललिता के स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर भी जानकारी मांगी.
  • गर्वनर को बताया गया कि दैनिक आधार पर निर्णय लिए जा रहे हैं.
चेन्‍नई:

डॉक्‍टरों द्वारा तमिलनाडु की मुख्‍यमंत्री जे. जयललिता के अस्‍पताल में लंबे समय तक रहने के संकेत दिए जाने के बाद गर्वनर विद्यासागर राव ने शुक्रवार शाम को मुख्‍य सचिव समेत राज्‍य के मुख्‍य नौकरशाहों और ओ पनीरसेल्वम सहित दो वरिष्‍ठ मंत्रियों से मुलाकात की.

सूत्रों के अनुसार, राज्‍यपाल राव ने जयललिता के स्‍वास्‍थ्‍य, राज्‍य के सामान्‍य प्रशासन और कर्नाटक के साथ जल विवाद का निर्णय करने को लेकर विशेषज्ञों की महत्‍वपूर्ण यात्रा के बाबत भी जानकारी हासिल की. गर्वनर को बताया गया कि दैनिक आधार पर निर्णय लिए जा रहे हैं.

उल्‍लेखनीय है कि डॉक्‍टरों द्वारा मुख्‍यमंत्री जयललिता के इलाज के लिए अस्‍पताल में लंबे वक्‍त तक रहने के संकेत दिए जाने के एक दिन बाद राज्‍यपाल ने मंत्रियों और आला अफसरों के साथ इन मुद्दों पर राय-मशविरा किया. दो दिन पहले ही दिल्‍ली से एम्‍स के डॉक्‍टरों की एक टीम जयललिता के इलाज और देखभाल के लिए पहुंची. उनके साथ ही ब्रिटेन के एक विशेषज्ञ डॉक्‍टर भी मुख्‍यमंत्री के इलाज में जुटे हुए हैं.

इससे पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता को देखने चेन्नई के अपोलो अस्पताल गए और कहा कि उनकी सेहत में 'अच्छा सुधार' हो रहा है. एयरपोर्ट से सीधे अस्पताल पहुंचे और वहां करीब घंटे भर रुके राहुल गांधी ने कहा, जयललिता ठीक हो रही हैं. मैं उनके लिए भरपूर ऊर्जा की कामना करता हूं, ताकि वह जल्द पूरी तरह स्वस्थ्य हो जाएं.'

समर्थकों के बीच 'अम्मा' नाम से पुकारे जाने वाली मुख्यमंत्री जयललिता को बीते 22 सितंबर को अपोलो अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था. शुरुआत में उनकी पार्टी AIADMK ने कहा था कि उनका बुखार और निर्जलीकरण के लिए इलाज किया जा रहा है. हालांकि उन्‍हें अस्‍पताल से कब छुट्टी मिलेगी, इसको लेकर सार्वजनिक किए जा रहे पूर्वानुमान बार-बार गलत साबित हुए, जिससे उनकी सेहत को लेकर अटकलें तेज हो गईं.

इस बीच विपक्षी दल उनके स्वास्थ्य को लेकर अपडेट और तस्वीरें जारी करने की मांग कर लगे थे. हालांकि इस संबंध में मद्रास हाईकोर्ट ने गुरुवार को अपने आदेश में कहा कि सरकार को मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य को लेकर आधिकारिक बयान या फिर उनके अस्पताल में रहने के दौरान किसी को कार्यवाहक मुख्यमंत्री चुनने की जरूरत नहीं है.

इससे पहले राज्यपाल सी विद्यासागर राव भी कुछ दिनों पहले जयललिता को देखने अस्पताल गए थे और कथित रूप से एआईएडीएमके को हर रात 8 बजे उनकी सेहत को लेकर बुलेटिन जारी करने की सलाह दी थी.

वहीं एआईएडीएमके ने पार्टी प्रमुख की सेहत को लेकर सोशल मीडिया पर झूठी खबरें फैलाने के आरोप में चार लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी.


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