यह ख़बर 06 जुलाई, 2014 को प्रकाशित हुई थी

अरुणाचल में आ रहा सिर्फ चीनी मोबाइल सिग्नल, भारत की चिंता बढ़ी

नई दिल्ली:

गृह मंत्रालय के एक आला अधिकारी जब अरुणाचल प्रदेश के सुदूरवर्ती इलाके में औचक दौरे पर गए तो अपना मोबाइल फोन इस्तेमाल नहीं कर पाए, क्योंकि यह सीमा के दूसरी ओर से आ रहे चीनी दूरसंचार कंपनियों के ही सिग्नल पकड़ रहा था।

संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी ने बताया कि उन्हें पता चला कि देश के पूर्वोत्तर के इस इलाके में उपलब्ध भारतीय नेटवर्क के जरिए वह कोई कॉल नहीं कर सकते।

अधिकारी ने दूरसंचार विभाग के सचिव को तीन पृष्ठ का एक पत्र लिख कर कहा, 'अरूणाचल प्रदेश में चीनी सिग्नल मिलने का निजी अनुभव हुआ, लेकिन मोबाइल कॉल करने के लिए कोई भी भारतीय सुविधा नहीं मिली।'

पत्र में आरोप लगाया गया है कि निजी दूरसंचार ऑपरेटरों ने पूर्वोत्तर के ग्रामीण इलाके में दूरसंचार टावर नहीं लगाए हैं और यह भी दावा किया है कि चीनी दूरसंचार कपंनियों के 'प्रभाव' के कारण इस तरह की सुविधाएं स्थापित नहीं करना चाहती खासकर भारत-चीन सीमा के पास।

पत्र में कहा गया है कि यह बाहरी लोगों की चाल प्रतीत होती है, जो संवेदनशील क्षेत्रों को हमेशा कमजोर बनाने के लिए काम कर रहे हैं। इसमें कहा गया है कि चूंकि पूर्वोत्तर भारत का संवेदनशील सीमाई क्षेत्र है, इसलिए सरकार को नेटवर्क पर पूर्ण नियंत्रण के लिए काम करना चाहिए और नये नेटवर्क के कार्य की तामील के लिए सरकारी उपक्रम के जरिए ही यह सुनिश्चित हो सकता है।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

बताया गया है कि इससे सुरक्षा एजेंसियों के कार्य में भी आसानी होगी, क्योंकि उन्होंने बार बार चेताया है कि सीमाई इलाके में आयातित उपकरणों की सुरक्षा के साथ समझौता से सुरक्षा के घातक परिणाम हो सकते हैं।