यवतमाल 2018 बाघिन मामला: सुप्रीम कोर्ट ने वन विभाग 9 अफसरों को अवमानना नोटिस जारी किया

महाराष्ट्र के यवतमाल में 2018 में कथित आदमखोर बाघिन अवनी को मारने के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने महाराष्ट्र सरकार के वन विभाग के प्रमुख सचिव विकास खरगे समेत 9 अफसरों को अवमानना नोटिस जारी किया है.

यवतमाल 2018 बाघिन मामला: सुप्रीम कोर्ट ने वन विभाग 9 अफसरों को अवमानना नोटिस जारी किया

याचिकाकर्ता का दावा, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलता है कि अवनी आदमखोर नहीं थी (फाइल फोटो- अवनि)

नई दिल्ली:

 महाराष्ट्र के यवतमाल में 2018 में कथित आदमखोर बाघिन अवनी को मारने के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने महाराष्ट्र सरकार के वन विभाग के प्रमुख सचिव विकास खरगे समेत 9 अफसरों को अवमानना नोटिस जारी किया है. 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा था कि बाधिन को पहले बेहोश कर रेसक्यू सेंटर ले जाने की कोशिश हो. अगर मारने के अलावा कोई विकल्प ना हो तो जान के नुकसान को बचाने के लिए उसे मार दिया जाए लेकिन मारने वाले को कोई पुरस्कार ना दिया जाए. उच्चतम न्यायलय यह जांच करेगा कि अवनी आदमखोर है या नहीं. याचिकाकर्ता का आरोप है कि अवनी को मारने के लिए सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन किया गया. CJI एस ए बोबडे ने कहा कि बाघिन को मारने पर जश्न मनाने के लिए नोटिस जारी कर रहे हैं. याचिकाकर्ता संगीता डोगरा ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलता है कि अवनी आदमखोर नहीं थी. 
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सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य दस्तावेज दाखिल करने को कहा और अगली सुनवाई की तारीख दो हफ्ते बाद की तय की है. 5 वर्षीय इस बाघिन को टी-1 के नाम से भी जाना जाता था. दरअसल यवतमाल जिले में इस बाघिन को पकड़ने के लिए वन विभाग के अधिकारियों समेत कुल 200 लोगों की टीम सर्च ऑपरेशन चला रही थी. इस ऑपरेशन में 4 हाथियों और वन्यजीव पशु चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम को भी लगाया गया था. जानकारी के मुताबिक, 1 जून, 2016 से अब तक इस बाघिन ने 14 लोगों की जान ली थी. इसके अलावा इसने कई घोड़ों और गायों को भी अपना शिकार बनाया था. 

29 जनवरी 2018 को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए बाघिन टी-1 को गोली मारने के आदेश पर रोक लगा दी थी. लेकिन कुछ ही महीनों बाद उसने फिर दो लोगों को मार दिया, जिसके बाद उसे गोली मारने का आदेश जारी किया गया. इस बाघिन को मारने का काम हैदराबाद के शॉर्प शूटर नवाब शफथ अली खान को सौंपा गया था. 

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इसी बीच आदेश को चुनौती भी दी गई और वन्य जीव कार्यकर्ता अजय दुबे और सिमारात संधु ने हाईकोर्ट में दया याचिका दायर की. हालांकि कोर्ट ने इस बाघिन को इंसानों के लिए खतरा बताया और यह फैसला वन विभाग के ऊपर छोड़ दिया कि इस आदमखोर बाघिन को ट्रैंक्युलाइज (बेहोश) किया जाए या गोली मार दी जाए. 

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Video: आदमखोर बाघिन अवनि को मारा गया