यह ख़बर 15 सितंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

येदियुरप्पा को मिली अग्रिम जमानत

खास बातें

  • येदियुरप्पा पर कार्यकाल के दौरान अपर भद्र सिंचाई परियोजना की निविदा मंजूर करने में अनियमितता बरतने का आरोप है।
बेंगलुरू:

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को भ्रष्टाचार के एक मामले में गुरुवार को अग्रिम जमानत दे दी। येदियुरप्पा पर कार्यकाल के दौरान अपर भद्र सिंचाई परियोजना की निविदा मंजूर करने में अनियमितता बरतने का आरोप है। न्यायमूर्ति एल नारायणस्वामी ने एक लाख रुपये के मुचलके पर येदियुरप्पा की जमानत मंजूर की और यह भी निर्देश दिया कि पूर्व मुख्यमंत्री देश से बाहर नहीं जाएंगे और जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करेंगे। जनता दल (सेक्युलर) के एक विधायक वाई एस वी दत्ता की शिकायत पर लोकायुक्त ने येदियुरप्पा के खिलाफ जांच शुरू की थी। उन्होंने इसी मामले में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। दत्ता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता और उनके परिजनों ने एक निजी कम्पनी को ठेका आवंटित करने के लिए 13 करोड़ रुपये लिए थे। येदियुरप्पा को आशंका थी कि 26 अगस्त को न्यायमूर्ति केएल मंजूनाथ और एचएस केम्पन्ना की खंडपीठ द्वारा इस मामले में लोकायुक्त पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी को अमान्य करने की मांग करने वाली याचिका रद्द किए जाने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। विशेष लोकायुक्त अदालत की जिम्मेदारी सम्भाल रहे निचली अदालत के न्यायाधीश एनके सुधींद्र राव ने भ्रष्टाचार के मामलों के त्वरित निपटारे के लिए गठित की गई लोकायुक्त पुलिस को भी इस मामले की जांच करने का निर्देश दिया था। उल्लेखनीय है कि तत्कालीन लोकायुक्त एन संतोष हेगड़े द्वारा 27 जुलाई को रिपोर्ट जारी किए जाने के बाद येदियुरप्पा ने राज्य के मुख्यमंत्री पद से 31 जुलाई को इस्तीफा दे दिया था क्योंकि इसमें उनकी भूमिका का भी उल्लेख किया गया था।


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