लालू यादव के परिवार पर घोटाले के नए आरोप, 'कौड़ियों में करोड़ों की कंपनी के मालिक बने'

लालू यादव के परिवार पर घोटाले के नए आरोप, 'कौड़ियों में करोड़ों की कंपनी के मालिक बने'

लालू प्रसाद यादव पर लगा नया आरोप

खास बातें

  • लालू यादव के बेटे और बेटियों को कंपनी में निदेशक क्यों बनाया गया?
  • कत्याल परिवार ने बॉर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का पद क्यों छोड़ा?
  • सुशील मोदी ने लालू प्रसाद को इस बारे में सारे तथ्य उजागर करने को कहा है
पटना:

राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. मिट्टी और जमीन घोटाले को लेकर लगे आरोपों के बाद बीजेपी के नेता सुशील मोदी ने लालू यादव और परिवार पर नए आरोप लगाए हैं. सुशील मोदी ने कथित तौर पर दस्वावेजी सबूत जारी करके एक नई कंपनी को लेकर आरोप लगाया है, जिस पर लालू यादव के परिवार का कब्जा हुआ. कंपनी का मालिकाना हक कात्याल परिवार की आइसबर्ग इंडस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड का था. 2006 में एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी बनाई गई जिसमें कत्याल परिवार के सदस्य निदेशक थे, लेकिन बाद में उनकी जगह पर अब बिहार सरकार में मंत्री तेज प्रताप यादव और अब उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और अन्यों को निदेशक बना दिया गया. अमित कात्याल ने अपने सारे शेयर लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव के नाम कर दिए. पिछले विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद लालू यादव के बेटे कंपनी के निदेशक पद से हट गए और अब उनकी बेटी चंदा और रागिनी यादव इसकी निदेशक हैं. बीजेपी नेता सुशील मोदी का आरोप है कि इससे साफ है यह पूरी तरह से भ्रष्टाचार का मामला है.
 
इस मामले को लेकर सुशील मोदी ने लालू प्रसाद यादव से कुछ सवाल पूछे हैं. लालू यादव के बेटे और बेटियों को कंपनी में निदेशक क्यों बनाया गया? कत्याल परिवार ने बॉर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का पद क्यों छोड़ा? इसमें लालू के परिवार का केवल 55 हजार का निवेश कैसे है?
 
सुशील मोदी ने लालू प्रसाद यादव को इस बारे में सारे तथ्य उजागर करने को कहा है. मोदी ने कहा कि अगर लालू यादव ने ऐसा नहीं किया तब वह इसे करेंगे. फिर बता दें कि दोनों भाइयों ने बिहार विधानसभा के नतीजे आने के अगले ही दिन निदेशक का पद छोड़ दिया,  लेकिन उनके शेयर अभी भी कंपनी में बरकरार हैं.

सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कथित ‘बेनामी संपत्ति घोटाला’ में मुख्यमंत्री के आवासीय पता का गलत इस्तेमाल करने पर राजद लालू प्रसाद के परिवार के खिलाफ कार्रवाई की चुनौती दी है. सुशील ने सोमवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आरोप लगाया कि लालू के पुत्र तेज प्रताप और तेजस्वी यादव केवल धोखाधड़ी कर 750 करोड़ रुपये कीमत की जमीन व मॉल के घोटाले में ही संलिप्त नहीं हैं बल्कि चंदा यादव को अपनी कंपनी का डायरेक्टर नियुक्त करते समय मुख्यमंत्री आवास के पते का भी बेजा इस्तेमाल किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि डिलाइट मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में डायरेक्टर के तौर पर चंदा यादव का पता सीएम हाउस, 1 अणे मार्ग, सचिवालय थाना, जीपीओ पटना 800001 दर्ज है.


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