बेहतर करियर ऑप्शन के रूप में उभर रहा योग, जॉब छोड़ लोग बन रहे ट्रेनर

बेहतर करियर ऑप्शन के रूप में उभर रहा योग, जॉब छोड़ लोग बन रहे ट्रेनर

प्रतीकात्मक फोटो

राजकोट:

कविता कदम अभी कुछ समय पहले तक एक बड़ी कॉर्पोरेट कम्पनी में तीन राज्यों की जोनल हेड थीं। 15 साल से कोर्पोरेट क्षेत्र में रहने से तनख्वाह भी अच्छी खासी थी। अपनी एक पहचान भी बना चुकी थीं। लेकिन फिर भी मन कचोट रहा था कि पैसे हैं लेकिन खुशी नहीं है। जितने ज्यादा पैसे थे मानसिक तनाव भी उतना ही था। इसी बीच शौकिया तौर पर योग करना शुरु किया ताकि शरीर और मन स्वस्थ रह सकें। लेकिन काम औऱ आगे बढने के तनाव के दौर में कुछ अलग करना था क्योंकि आसपास के लोगों - मित्रों में भी इसी तनाव की वजह से लगातार अशांति लग रही थी।
नौकरी छोड़ने का मन करने लगा था। लेकिन 15 साल की मेहनत से बनाई पहचान और जिम्मेदारियां पूरी करने के लिए कमाई के दबाव के चलते नौकरी छूट नहीं रही थी।

योग में रूचि की वजह से हठयोग, अष्टांग योग, आयंगर योग वगैरह सीखा तो लगा कि जब अपने आप को इससे फायदा मिल रहा है तो और लोगों को क्यों न सिखाया जाय। फिर पूरी तरह नौकरी छोड़कर पहले घर पर लोगों को सिखाना शुरू किया और फिर अब अपना योग स्टुडियो खोल लिया है। इससे काफी सुकून भी मिल रहा है और एक अच्छा खासा कैरियर भी बन गया है।

इसी तरह धीरज वशिष्ठ नेशनल चैनलों में बतौर पत्रकार काम करते थे। टीवी चैनलों में रन डाउन यानि कौन सा समाचार पहले आएगा, कौन सा बाद में वगैरह तैयार करते थे। फिर लगा की दुनिया की खबर लेने में अपने आप से जुड़ाव कम होता जा रहा है। वही तनाव का वातावरण। उन्होंने भी योग सीखा और फिर इसे पूरी तरह एक व्यवसाय के तौर पर अपना लिया। आज पूर्णकालीन योगगुरु बन गये हैं। विकलांगों, सरकारी अफसरों, कॉर्पोरेट कर्मचारीयों और तिहाड़ से लेकर भागलपुर और अहमदाबाद जेलों के कैदियों को भी योग सिखाते रहे हैं।

उनके मुताबिक आजकल के मानसिक तनाव के दौर में सभी को योग की जरूरत है। ऐसे में योग शिक्षक बनना अच्छा कैरियर भी बन सकता है। उनके मुताबिक पत्रकारिता से यहां आने के बाद आर्थिक विकास है, अध्यात्मिक विकास है, सामाजिक दायरे में भी विकास है इसलिए आज युवा इसे कैरियर के तौर पर एक बेहतरीन अवसर के तौर पर देख रहे हैं।

अच्छे योग शिक्षकों की मांग सिर्फ भारत में ही नहीं विदेशों में भी बहुत बढ़ी है। ऐसे में अन्य व्यवसाय छोड़कर पूर्णकालीन योगशिक्षक बनने के व्यवसाय में आनेवाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

 


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