जन्मदिन विशेष : योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के पास किस सब्जेक्ट की है डिग्री, 10 बातों में जानिए संन्यासी से सीएम बनने की कहानी

सीएम योगी आदित्यनाथ, हिंदुत्व की राजनीति के इस समय फायर ब्रांड नेता हैं. वो पीएम मोदी के इस समय ताकतवर जनरलों में से एक हैं. जिनके ऊपर देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी है.

जन्मदिन विशेष : योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के पास किस सब्जेक्ट की है डिग्री, 10 बातों में जानिए संन्यासी से सीएम बनने की कहानी

Yogi Adityanath : यूपी के सीएम का जन्मदिन है.

नई दिल्ली : सीएम योगी आदित्यनाथ, हिंदुत्व की राजनीति के इस समय फायर ब्रांड नेता हैं. वो पीएम मोदी के इस समय ताकतवर जनरलों में से एक हैं. जिनके ऊपर देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी है. 22 साल की उम्र में जब अजय सिंह बिष्ट यानी योगी अदित्यनाथ ने संन्यास का फैसला लिया तो शायद ही किसी ने सोचा होगा कि वह एक दिन देश की राजनीति के इतने अहम चेहरा बन जाएंगे. सीएम योगी उस राज्य के मुखिया हैं जिसके बारे में कहा जाता है कि केंद्र की सत्ता तक जाने का रास्ता इसी राज्य से गुजरता है. सीएम योगी का आरएसएस से कभी कोई रिश्ता नहीं था. हिंदुत्व की विचारधारा को लेकर उनका अपना एक अलग अंदाज, शैली और संगठन था. जिसके दम पर वह यूपी में आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद जैसे हिंदूवादी संगठनों के लिए भी चुनौती बन गए थे. योगी के संगठन का नाम हिंदू युवा वाहिनी है. जो उनके सीएम बनने के बाद थोड़ा निष्क्रिय है. योगी वह गोरखनाथ मठ के महंत हैं और उनके गुरु इस बीजेपी से सांसद भी रह चुके हैं.

सीएम योगी आदित्यनाथ : संन्यासी से सीएम बनने की कहानी

  1. योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को पौड़ी जिले पंचूर गांव में हुआ.स्थानीय स्कूल में शुरुआती पढ़ाई-लिखाई हुई.फिर कोटद्वार के गढ़वाल यूनिवर्सिटी से गणित में बीएससी की परीक्षा पास की.इसी दौरान एबीवीपी से जुड़े.

  2. वर्ष 1993 में गणित में एमएससी की पढ़ाई के दौरान योगी आदित्यनाथ गुरु गोरखनाथ पर रिसर्च करने गोरखपुर आए. यहां गोरक्षनाथ पीठ के महंत अवैद्यनाथ की नजर उन पर पड़ी.योगी आदित्यनाथ की चपलता महंत अवैद्यनाथ को बहुत पसंद आई और फिर उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया.

  3. अगले ही साल यानी वर्ष 1994 में वह सांसारिक मोहमाया त्यागकर पूर्ण संन्यासी बन गए.इसके बाद अजय सिंह बिष्ट से अपना नाम बदलकर योगी आदित्यानाथ रख लिया. बस यहीं से असली कहानी शुरू हुई.

  4. वर्ष 1998 में महज 26 साल की उम्र में योगी आदित्यनाथ ने भाजपा के टिकट पर गोरखपुर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की.अगले साल 1999 में वो फिर चुनावी दंगल में उतरे और जनता ने भारी मतों से उन्हें लोकसभा में पहुंचाया. उसके बाद योगी आदित्यनाथ लगातार वर्ष 2004, 2009 और 2014 में गोरखपुर से सांसद रहे.

  5. वर्ष 1999 में दोबारा सांसद चुने जाने के बाद योगी आदित्यनाथ का कद खासकर उत्तर प्रदेश की राजनीति में बढ़ता गया और धीरे-धीरे कट्टर हिंदूवादी नेता की छवि जनमानस में बनने लगी. इसी बीच वर्ष 2002 में उन्होंने 'हिन्दू युवा वाहिनी' नाम का संगठन बनाया.

  6. योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2004 में तीसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता.इस बीच गोरखपुर को योगी के गढ़ के तौर पर जाने जाना लगा.वर्ष 2007 में गोरखपुर में दंगे हुए और इन दंगों में योगी आदित्यनाथ को मुख्य आरोपी बनाया गया.उनकी गिरफ्तारी हुई और इस पर देशभर में कोहराम मच गया. 

  7. अगले ही साल यानी वर्ष 2008 में योगी आदित्यनाथ पर आजमगढ़ में जानलेवा हमला हुआ.करीब सौ लोगों की हिंसक भीड़ ने उन्हें घेर लिया था और वे किसी तरह वहां से बचकर निकले.उनके उपर हमले को लेकर हिंदू युवा वाहिनी ने प्रदेश में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया.

  8. अगले साल (वर्ष 2009) में एक बार फिर उन्होंने लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज की.इस बार उनकी जीत का अंतर 2 लाख से ज्यादा वोट का था.वर्ष 2014 में वे पांचवीं बार सांसद चुने गए और इस बार भी जीत का अंतर दो लाख से ज्यादा का था.

  9. पांचवीं बार लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में योगी आदित्यनाथ का कद बहुत बढ़ गया. 2017 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए.चुनाव में लंबे अंतराल के बाद भाजपा सत्ता में लौटी. हालांकि चुनाव से पहले सीएम पद के लिए योगी के नाम की चर्चा तक नहीं थी, लेकिन अचानक पार्टी ने उनका नाम प्रस्तावित किया.जिसके पीछे उनकी हिंदुत्ववादी छवि और कद्दावर शख्सियत थी.

  10. देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के CM की गद्दी पर काबिज योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा को हाल के दिनों में भले ही उप चुनावों में हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन चुनावी पंडित इसे क्षणिक मानते हैं.कई विशेषज्ञों का तो यहां तक मानना है कि वे पीएम मोदी के बाद वे ऐसे नेता हैं, जिनकी व्यापक जन स्वीकार्यता है.ऐसे में अगर परिस्थितयां बनीं तो वे देश के पीएम भी बन सकते हैं.