एनजीटी के बालू के ई-टेंडरिंग पर रोक के अंतरिम आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची योगी सरकार

दरअसल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने उत्तर प्रदेश में खनन को लेकर शुरू होने जा रही ई-टेंडरिंग प्रक्रिया पर 22 सितंबर को रोक लगा दी थी.

एनजीटी के बालू के ई-टेंडरिंग पर रोक के अंतरिम आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची योगी सरकार

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ.

खास बातें

  • यूपी के सीएम योगी ने सरकार बनने के बाद उठाया था कदम
  • बालू ठेकों की ईटेंडरिंग के आदेश दिए थे
  • कुछ लोग एजीटी पहुंचे, फिर इस पर रोक लगी.
नई दिल्ली:

योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी के आदेश को चुनोती दी है. उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी याचिका में कहा कि बालू खनन के लिए ई-टेंडरिंग प्रक्रिया पारदर्शी और उचित प्रक्रिया है. ऐसे में एनजीटी के अंतरिम आदेश पर रोक लगाई जाए. दरअसल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने उत्तर प्रदेश में खनन को लेकर शुरू होने जा रही ई-टेंडरिंग प्रक्रिया पर 22 सितंबर को रोक लगा दी थी. उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के अस्तित्व में आने के बाद पुराने खनन के पट्टे निरस्त करते हुए नए पट्टे ई-टेंडरिंग के माध्यम से कराने का निर्णय लिया गया था.

उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में बालू खनन के लिए ई-टेंडर एक अक्टूबर से जारी होने थे. ई-टेंडर जारी होने से ठीक पहले एनजीटी ने यूपी सरकार को झटका देते हुए टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी.

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उत्तर प्रदेश में पहले से ही कई महीनों से ठप बालू खनन के कारण बहुत सारे प्रोजेक्ट अधर में लटके हुए हैं. घर बनाने में भी लोगों को काफी दिक्क़तों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि बालू की आपूर्ति बड़ी मुश्किल से हो पा रही है. 


यूपी के कई बड़े प्रोजेक्ट के लिए बिहार से बालू मंगाई जा रही है. इन सबके बीच पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर एनजीटी ने उत्तर प्रदेश के आठ जिलों में शुरू होने जा रही ई-टेंडरिंग की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी.
 


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