IPL विवाद पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा- आपको बस राजस्व की पड़ी है, लोगों की फिक्र नहीं

IPL विवाद पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा- आपको बस राजस्व की पड़ी है, लोगों की फिक्र नहीं

प्रतीकात्मक तस्वीर

मुंबई:

बॉम्बे हाईकोर्ट के सवाल उठाने के बाद बीसीसीआई ने कहा कि वह सूखाग्रस्त महाराष्ट्र में आईपीएल मैचों के लिए मैदानों के रखरखाव के मद्देनजर सीवेज का साफ किया हुआ पानी खरीदेगा। इस पर कोर्ट ने टूर्नामेंट के ओपनिंग मैच के लिए इस्तेमाल हुए पानी की फोरेंसिक जांच का आदेश दिया, जिससे यह पता चल सके कि वह पानी पीने योग्य था या नहीं।

इसके साथ ही हाईकोर्ट ने बीसीसीआई से पूछा कि क्या वह आईपीएल मैच पुणे से हटाकर कहीं और करा सकता है। कोर्ट ने बीसीसीआई ने बुधवार तक जवाब देने को कहा है। अदालत ने साथ ही बीसीसीआई से पूछा कि क्या वे मुख्यमंत्री सूखा राहत कोष में योगदान दे सकते हैं।

कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि आईपीएल के मैच अगर महाराष्ट्र से बाहर कराए जाएं, तो इससे उन्हें कोई हर्ज नहीं। राज्य सरकार ने कोर्ट से कहा कि अगर महाराष्ट्र में होने वाले मैच दूसरी जगह शिफ्ट किए जाएं, तो उसे कोई आपत्ति नहीं, भले ही उसे 'राजस्व की हानि उठानी पड़े।' राज्य सरकार की यह बात कोर्ट को दुरुस्त नहीं लगी और जजों ने तंज भरे लहजे में कहा, 'राजस्व का नुकसान- आपको तो बस इसकी ही फिक्र है, लोगों की नहीं।'

सीवेज के साफ हुए पानी के लिए बीसीसीआई ने किया करार
बीसीसीआई ने कहा कि उसने आईपीएल टूर्नामेंट के लिए अब तक हर दिन स्टेडियमों में 40 लाख लीटर पानी की आपूर्ति की है। इस पर न्यायाधीशों ने कहा कि क्या वे इतने ही पानी की आपूर्ति पुणे और इसके आस पास पानी की कमी से जूझ रहे गांवों में करने को तैयार हैं। सुनवाई के दौरान क्रिकेट बोर्ड के वकील रफीक दादा ने पीठ को सूचित किया कि बीसीसीआई ने मुंबई और पुणे में होने वाले आईपीएल मैचों के लिए सीवेज का साफ किया पानी हासिल करने के लिए रायल वेस्टर्न इंडिया टर्फ क्लब (आरडब्ल्यूआईटीसी) से समझौता किया है।

वकील ने कहा- सीवेज के पानी को बर्बाद कर दिया जाता है जबकि...
दादा ने कहा कि सीवेज के साफ किये हुए पानी के इस्तेमाल के विचार को प्रेरित किया जाना चाहिए क्योंकि सीवेज के पानी को साफ करके इसे समुद्र में बहा दिया जाता है और यह बर्बाद हो जाता है। बीसीसीआई के वकील ने कहा, ‘इस मामले में, सीवेज के साफ किए हुए पानी को समुद्र में बहाने के बजाय हम इसका इस्तेमाल स्टेडियमों में कर रहे हैं। ’

न्यायमूर्ति वीएम कनाडे और एमएस कार्णिक की पीठ गैर सरकारी संगठन लोकसत्ता आंदोलन द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई कर रही थी, जिसमें राज्य में सूखे के बावजूद स्टेडियमों में भारी मात्रा में पानी के इस्तेमाल को चुनौती दी गई थी।

बीसीसीआई के वकील दादा ने अदालत को बताया कि पुणे में आईपीएल के नौ जबकि मुंबई में आठ मैचों का आयोजन होना है, जबकि यहां वानखेड़े स्टेडियम में नौ अप्रैल को पहला मैच हो चुका है। दादा ने कहा कि नागपुर में तीन मैच होने हैं और अगर हाईकोर्ट कहता है तो आईपीएल फ्रेंचाइजी किंग्स इलेवन पंजाब ये मैच मोहाली या कहीं और स्थानांतरित करने को तैयार है।

गौरतलब है कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में मैदानों के लिए भारी मात्रा में पानी के इस्तेमाल के लिए बीसीसीआई की काफी खिंचाई की थी। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में सूखे के हालात को देखते हुए बीसीसीआई ने स्टेडियमों में पानी के इस्तेमाल के मुद्दे को बहुत गंभीरता से लिया।

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(भाषा से भी इनपुट)