रघुवर दास ने कांग्रेस-जेएमएम पर साधा निशाना
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और JMM पर निशासा साधा है. दास ने सोमवार को एक ट्वीट कर कांग्रेस और JMM पर आदिवासी समाज की अनदेखी करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सालों से आदिवासी समाज जबरन धर्मांतरण का दंश झेल रहा है. लेकिन JMM और कांग्रेस ने बलपूर्वक और लालच देकर किए जाने वाले इस धर्मांतरण को रोकने की कोशिश कभी नहीं की. सोचिए...आखिर JMM और कांग्रेस ने आदिवासी संस्कृति की रक्षा क्यों नहीं की?.
सालों से आदिवासी समाज जबरन धर्मांतरण का दंश झेल रहा था।
— Raghubar Das (@dasraghubar) November 11, 2019
लेकिन...
जेएमएम और कांग्रेस ने बलपूर्वक और लालच देकर किए जाने वाले इस धर्मांतरण को रोकने की कोशिश कभी नहीं की।
सोचिए ...
आखिर जेएमएम और कांग्रेस ने आदिवासी संस्कृति की रक्षा क्यों नहीं की ?
सोचिएगा जरूर ... pic.twitter.com/CStg5g2OdG
दास ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि झारखण्ड के 57 लाख परिवारों के पास 5 लाख रुपये का सुरक्षा कवच है. अपना और अपनों के इलाज के लिए उन्हें एक रुपया भी खर्च नहीं करना है. काम किया है...और करेंगे.
झारखण्ड के 57 लाख परिवारों के पास 5 लाख रुपये का सुरक्षा कवच है। अपना और अपनों के इलाज के लिए उन्हें एक रुपया भी खर्च नहीं करना है।
— Raghubar Das (@dasraghubar) November 11, 2019
काम किया है...और करेंगे pic.twitter.com/6mnOzFNI2F
इससे पहले मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने झारखंड चुनाव के 5 चरणों में चुनाव कराने के पीछे ये तर्क दिया कि वहां 81 विधानसभा सीटों में से 67 न केवल नक्सल प्रभावित हैं बल्कि 19 अति नक्सल प्रभावित हैं. ऐसे में विपक्ष के एक दिन चुनाव कराने को मांग को नहीं माना जा सकता. झारखंड में चुनावों से पहले विपक्ष को रघुवर सरकार के खिलाफ बैठे बिठाए एक मुद्दा मिल गया. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि झूठ बोलने की भी एक सीमा होती है.
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वहीं झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव का कहना है कि हमारी पार्टी पहले से मानती आई हैं कि ज़मीन पर कोई काम ना होने के कारण इस राज्य की सभी समस्याएं बरक़रार हैं. उनका कहना हैं कि अगर मुख्य चुनाव आयुक्त ने ये मजबूरी दिखाई है तो राज्य सरकार के आला अधिकारियो ने ही उन्हें ब्रीफ किया होगा. बीजेपी पर निशाना साधते हुए उरांव ने कहा कि भाजपा के नेता यह मान चुके हैं कि ये मुद्दा उनके हाथ से निकल गया हैं.
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बता दें कि, झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2020 को पूरा हो रहा है, उससे पहले नई सरकार का गठन किया जाएगा. पिछली बार झारखंड में पांच चरणों में चुनाव हुए थे. 81 सदस्यों की विधानसभा में बीजेपी आजसू गठबंधन ने 42 सीटें जीती थीं. बीजेपी ने 72 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 37 सीटें जीती थीं. जबकि उसके सहयोगी आजसू ने 8 सीटों पर चुनाव लड़ा था और पांच सीटें जीती थीं.
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