
प्रतीकात्मक तस्वीर
खास बातें
- झारखंड में मिड डे मील में नया घोटाला सामने आ रहा है.
- झारखंड सरकार के खाते से बिल्डर के खाते में सौ करोड़ ट्रांसफर.
- सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.
सीबीआई ने झारखंड सरकार के एक बैंक खाते से एक निजी बिल्डर को अवैध रूप से 100 करोड़ रुपये हस्तांतरित करने के संबंध में मामला दर्ज किया है. भारतीय स्टेट बैंक के इस खाते में मिड डे मील यानी मध्याह्न भोजन कार्यक्रम के लिए पैसे रखे थे. अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी ने कल रांची में आरोपी के आधिकारिक परिसर और भानू कंस्ट्रक्शंस कंपनी में छापेमारी की. कंपनी, उसके भागीदारों संजय कुमार तिवारी और सुरेश कुमार तथा बैंक की हटिया शाखा के पूर्व उप प्रबंधक अजय उरांव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
उरांव को निलंबित कर दिया गया है। भारतीय स्टेट बैंक के एक अधिकारी की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गयी. शिकायत में कहा गया है कि बैंक के उप प्रबंधक (व्यापार विकास विभाग) ने 'बेइमानी से एवं अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करते हुए' 'राज्य मध्याह्न भोजन प्राधिकरण' के खाते से भानू कंस्ट्रक्शंस को 100 करोड़ रुपये ट्रांसफर किये.
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प्राथमिकी के अनुसार भारतीय स्टेट बैंक विभिन्न खातों से 76.29 करोड़ रुपये वापस लेने में सफल रहा लेकिन 23.28 करोड़ रुपये अब भी वसूले नहीं गए हैं जिससे 'बैंक को नुकसान हुआ है और भानू कंस्ट्रक्शंस को फायदा पहुंचा है. सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी के आरोपों और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है.
आरोप है कि इस खाते से 5 अगस्त को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के हाटिया स्थित ब्रांच से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सहित कई खातों में 120.31 करोड़ रुपये का स्थानांतरण आरटीजीएस/एनईएफटी किया गया है. एफआईआर की मानें तो 20.09 करोड़ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में ट्रांसफर किये गये और 100.01 करोड़ रुपये अन्य बैंक खातों में ट्रांसफर किये गये हैं.
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इतने बड़े रकम के ट्रांसफर के लिए आरटीजीएस/ एनईएफटी के माध्यम से 100.01 करोड़ रुपये झारखंड राज्य मध्याहन भोजन प्राधिकरण के खाते से खर्च किये गये, जो इस ब्रांच से कई खातों में जमा ट्रांसफर किये गये.
एफआईआर की मानें तो मामला उजागर होने के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने सभी बैंक खातों से 20 नवंबर 2017 तक 76.29 करोड़ रुपये फ्रीज करवा लिया है. वहीं, अब भी 23.28 करोड़ रुपये मंगवाना बाकी है. परिणाम ये हुआ कि बैंक को इससे नुकसान हुआ और भानू कंस्ट्रक्शन को लाभ.
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