ये हैं दुनिया भर के लोगों के खाने-पीने के 10 अजीबोगरीब तरीके

कहीं चम्‍मच से खाना अच्‍छा नहीं माना जाता तो कहीं प्‍लेट चट कर जाना असभ्‍य होने की न‍िशानी है. आज हम आपको खाने-पीने के ऐसे ही अजीब-गरीब तरीकों के बारे में बता रहे हैं:

ये हैं दुनिया भर के लोगों के खाने-पीने के 10 अजीबोगरीब तरीके

खास बातें

  • चीन में खाली प्‍लेट छोड़ना अच्‍छा नहीं माना जाता
  • जापान में सुडु़प-सुडु़प खाने में कोई मनाही नहीं है
  • इटली में खाने के बाद दूध वाली कॉफी नहीं मांगनी चाहिए
नई द‍िल्‍ली :

दुनिया भर की तमाम सभ्‍यताओं में खान-पान के अपने-अपने तौर-तरीके हैं. कहीं, हाथ से खाना खाया जाता है तो कहीं छुरी-कांटे की मदद ली जाती है. वहीं, कहीं चम्‍मच से खाना अच्‍छा नहीं माना जाता तो कहीं प्‍लेट चट कर जाना असभ्‍य होने की न‍िशानी है. आज हम आपको खाने-पीने के ऐसे ही अजीब-गरीब तरीकों के बारे में बता रहे हैं:  

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1. थाईलैंड में कांटे यानी कि फॉर्क से खाना उठाकर सीधे मुंह में डालना अच्‍छा नहीं माना जाता है. यहां फॉर्क का इस्‍तेमाल चम्‍मच में खाना डालने के लिए किया जाता है. यानी कि जब आप खाना खा रहे हों तो फॉर्क की मदद से चम्‍मच में खाना डालिए और फिर चम्‍मच में खाना रखकर मुंह में डालना होता है.
 

fork food

2. जापान में सुड़ुप-सुड़ुप करके सूप पीना और चबड़-चबड़ की आवाज के साथ नूडल्‍स खाना बुरा नहीं माना जाता है. माना जाता है कि इस तरह खाना खाने से स्‍वाद और ज्‍याद बढ़ जाता है. यही नहीं इस तरह गरम खाना भी जल्‍दी-जल्‍दी खाया जा सकता है. 

noodles

3. मध्‍य पूर्व एश‍िया और भाारत में बाएं हाथ से खाना खाना अशुभ माना जाता है. मान्‍यता है कि दाहिना हाथ खाना खाने और दूसरे अच्‍छे कामों के लिए है, जबकि बाएं हाथ का इस्‍तेमाल खुद की सफाई के लिए किया जाता है.
 
hands
 
4. दक्षिण कोरिया में जब तक परिवार का बुजुर्ग खाना शुरू नहीं करता तब तब टेबल पर बैठा हुआ कोई भी सदस्‍य एक निवाला भी मुंह में नहीं डाल सकता. यही नहीं बुजुर्ग सदस्‍य के खाना खत्‍म करने से पहले आप टेबल छोड़कर नहीं जा सकते.
 
old woman in plane istock

5. इटली में सीफूड के ऊपर चीज़ मांगना अच्‍छा नहीं माना जाता. खासतौर पर मछली के साथ चीज़ खाना तो पाप समझा जाता है. हालांकि यह बहुत पुरानी परंपरा है और धीरे-धीरे इसमें बदलाव भी आ रहा है. लेकिन पुराने जमाने में कहा जाता था कि जो व्‍यक्ति मछली के साथ चीज़ खाता है उसे परिणामस्‍वरूप म‍छलियों के साथ तैरना पड़ता है. यही नहीं इटली में खाने के बाद दूध वाले पेय पदार्थ मांगना अच्‍छा नहीं माना जाता है. इसके बजाए वहां के लोग खाने के बाद ब्‍लैक कॉफी पीना पसंद करते हैं. दरअसल, दूध डाइजेशन को प्रभावित करता है. हालांकि अगर आप खाने के बाद दूध वाली कॉफी पीना ही चााहते हैं तो कोई ऐतराज नहीं करेगा लेकिन आपकी गिनती अच्‍छे व शालीन टूरिस्‍टों में नहीं होगी. 
 
fish


6. कनाडा की कुछ संस्‍कृतियों में खाने के बाद गैस पास करना अच्‍छा माना जाता है. वहीं चीन में खाने के बाद डकार लेने का मतलब है कि आपको खाना खूब पसंद आया.
 

burping stomach ailments


7. अगर आप महिला हैं और कभी नाइजीरिया के कागोरो ट्राइब के घर जाना हुआ तो उनसे स्‍पून यानी कि चम्‍मच मांगने की गलती मत करना. कागोरे ट्राइब में महिलाओं के चम्‍मच इस्‍तेमाल करने पर पाबंदी है. यहां चम्‍मच को बगावत से जोड़कर देखा जाता है. 

 

spoon


8. ब्रिटेन और अमेरिका में चाय पीने के साथ कई तरह की सांस्‍कृतिक पाबंदियां हैं. चाय में चीनी मिलाते वक्‍त चम्‍मच कप के कोनों से नहीं टकरानी चाहिए. चाय पीने के बाद कप में चम्‍मच नहीं छोड़नी चाहिए. सॉसर यानी कि प्‍लेट में चम्‍मच रखने से पहले यह सुनिश्‍चित कर लें कि चम्‍मच का मुंह कप के हैंडल की तरफ ही हो. सुडु़क-सुडु़क कर पीने के बजाए आराम-आराम से चाय पीनी चाहिए. 
 
black tea promotes weight loss


9. चीन में खाने की टेबल पर चॉपस्‍टिक उठाकर बात करना अच्‍छा नहीं माना जाता है. साथ ही चॉपस्‍टिक से किसी की ओर इशारा करना भी अभद्रता की न‍िशानी है.
 

chopstick

 

10. अलग-अलग संस्‍कृतियों में खाने के बाद खाली प्‍लेट छोड़ने के अलग-अलग मायने हैं. भारत और जापान में प्‍लेट खाली करना जरूरी होता है. इससे खाने की बर्बादी नहीं होती है और साथ ही खाना बनाने वाले को यह संदेश जाता है कि आपको खाना लाजवाब लगा. हालांकि चीन में ऐसा करना अच्‍छा नहीं माना जाता क्‍योंकि इससे यह समझा जाता है कि आप जन्‍मों से भूखें हैं. वहीं बद्दू सभ्‍यता में अगर आप कॉफी का कप खाली कर देते हैं तो बार-बार आपको कॉफी सर्व की जाएगी. अगर और कॉफी नहीं पीनी तो आपको कप ज़ोर से हिलाकर वापस करना होगा. 
 

empty plate

बहरहाल, हम तो आप से यही कहेंगे कि अगर किसी दूसरे देश में घूमने जा रहे हैं या काम करने के लिए तो वहां वहां की संस्‍कृति और परंपराओं के बारे में जान लेना ठीक रहता है. क्‍योंकि जो चीज़ आपके वहां शुभ मानी जाती हो शायद दूसरे देश में उसे अभद्र और अश्‍लील माना जाए.

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