बता दें, इस बार 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के साथ-साथ रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) मनाया जाएगा.
धर्म न हिन्दू का है न ही मुस्लिम का,
धर्म तो बस इंसानियत का है,
ये भूख से बिलखते बच्चो से पूछो,
सच क्या है? झूठ क्या है?
किसी मंदिर या मस्जिद से नहीं
बेगुनाह बच्चे की मौत पर किसी मां से पूछो,
देश का सपूत बनना है तो कर्तव्य को जानो,
अधिकार की बात न करों देश के लिए जीवन न्यौछारो !!!
ज़माने भर में मिलते हैं आशिक कई,
मग़र वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता,
नोटों में भी लिपट कर, सोने में सिमटकर मरे हैं कई,
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता !!!
मैं भारत बरस का हरदम अमित सम्मान करता हूं,
यहां की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूं,
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूं !!!
वतन हमारा मिसाल मोहब्बत की,
तोड़ता है दीवार नफरत की,
मेरी ख़ुशनसीबी, मिली ज़िंदगी इस चमन में,
भुला न सके कोई इसकी खुशबु सातों जनम में !!
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !!!
मैं मुस्लिम हूं, तू हिन्दू है, हैं दोनों इंसान;
ला मैं तेरी गीता पढ़ लूं, तू पढ़ ले कुरान;
अपने तो दिल में है दोस्त, बस एक ही अरमान...
एक थाली में खाना खाए सारा हिन्दुस्तान !!!
एक सैनिक ने क्या खूब कहा है...
किसी गजरे की खुशबू को महकता छोड़ आया हूं,
मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूं,
मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत मां,
मैं अपनी मां की बाहों को तरसता छोड़ आया हूं !!
जय हिन्द, वन्देमातरम् !!!
ना जियो धर्म के नाम पर,
ना मरो धर्म के नाम पर,
इंसानियत ही है धर्म वतन का,
बस जियो वतन के नाम पर !!!
आज़ादी की कभी शाम न होने देंगे,
शहीदों की कुर्बानी बदनाम न होने देंगे,
बची है लहू की एक बूंद भी रगों में,
तब तक भारत माता का आंचल नीलाम न होने देंगे !!!
जब आंखें खुले तो धरती हिन्दुस्तान की हो,
जब आंख बंद हो तो यादें हिन्दुस्तान की हो,
हम मर भी जाएं तो कोई ग़म नहीं,
लेकिन मरते वक्त मिट्टी हिन्दुस्तान की हो !!!
कभी ठंड में ठिठुर कर देख लेना,
कभी तपती धूम में जलकर देख लेना,
कैसे होती है हिफ़ाज़त मुल्क़ की,
कभी सरहद पर जा कर देख लेना !!