वीमेंस डे स्‍पेशल: इन 8 वजहों से महिलाओं के नाम रहेगा 2016

वीमेंस डे स्‍पेशल: इन 8 वजहों से महिलाओं के नाम रहेगा 2016

नई दिल्ली:

इंटरनेशनल वीमेंस डे हर साल 8 मार्च को दुनियाभर में मनाया जाता है, लेकिन ज्यादातर लोगों के लिए ये महज सोशल मीडिया पर वर्तमान व पूर्व में मिसाल रही महिलाओं से जुड़े पोस्ट करने तक ही सीमित रह गया है। पर हमारे पास इस साल इस दिन को बेहतर ढंग से सेलीब्रेट करने का कमाल का तरीका है, क्‍योंकि साल 2016 महिलाओं का साल कहलाएगा और इसको साबित करने के लिए एनडीटीवी गुड टाइम्स के पास है बेहद ठोस ये आठ वजहें...

# हैशटेगिंग

 
इस साल की शुरुआत में ही महिलाओं ने अपनी दबंगई साबित कर दी। जी हां, 2016 की जनवरी में #WasteHisTime2016 वाकई एक फेनटेस्टिक हैशटेग बना। इससे महिलाओं ने शायद यही दर्शाने का प्रयास किया कि महिलाएं किस तरह पुरुषों को अपने आगे झुका सकती हैं। आज ही और अभी जरा ट्विटर पर जाकर चैक करें और देखिए इस मजेदार और 'महिला शक्ति' को दर्शाने वाले हैशटेग को...

राष्ट्रपति पद के लिए हिलैरी

 

दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र की दौड़ में इस साल एक महिला सभी को कड़ी टक्कर दे रही हैं। हम बात कर रहे हैं यूएस इलेक्शंस की, जहां हिलेरी क्लिंटन अपने पुरुष प्रतिद्वंदियों को कांटे की टक्कर दे रही हैं। अगर हिलेरी ये चुनाव जीत जाती हैं, तो इससे दुनिया भर की महिलाओं को आगे बढ़ने की मिसाल मिलेगी।

मिलनी चाहिए मेंसट्रुएल लीव्स

 

नारी सशक्तिकरण के लिए जापान ने 1920 में महिलाओं के लिए मैंसट्रुएल लीव्स का ऐलान किया था। ये पहल इतने सालों पहले शुरू तो हुई, लेकिन दुनिया भर में इसको अपनाने में काफी देर हुई। महिलाओं को मैंसट्रुएल लीव्स देना वाकई जरूरी है, क्योंकि हाल ही में किए गए अध्‍ययनों में मैंस्ट्रुएल क्रेंप्स की तुलना हार्ट अटैक से पहले होने वाले चेस्ट पेन से की गई है।

ऑस्कर रहा महिलाओं के लिए खास

 
इस साल के ऑस्कर अवार्ड महिलाओं के लिए बेहद खास और मोटीवेट करने वाले रहे। फिल्म 'रूम' की लेखिका स्क्रीन प्ले अवार्ड के लिए नोमिनेट होने वाली पहली महिला बनीं। वहीं दूसरी ओर जॉय, कोरॉल और रूम जैसी फिल्मों में महिलाओं ने अहम भूमिका वाले लीड रोल्स प्ले किए। यही नहीं लेडी गागा ने अपनी परफॉर्मेंस 'टिल इट हैपेंस टू यू' को भी रेप पीड़ित और यौन शोषण का शिकार हुई महिलाओं को समर्पित किया।

पितृत्‍व अवकाश यानी पैटर्निटी लीव

 
इस साल फेसबुक सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने अपनी संतान के जन्म पर पैटर्निटी लीव ली। इसकी घोषणा मार्क ने अपनी टाइमलाइन पर की थी। वहीं अब शायद दुनिया को इस बात का महत्‍व समझ आ रहा है और इसलिए ही शायद यह अब कानूनी रूप भी लेती जा रही है। पितृत्‍व अवकाश यानी पैटर्निटी लीव का मतलब है कि पुरुष भी महिलाओं को दी जाने वाली मैटरनिटी लीव की तरह पितृत्व अवकाश ले सकते हैं। इससे महिला और पुरुष के बीच की ये सोच दूर होगी कि बच्‍चे के पालन के लिए सिर्फ महिलाएं ही जिम्‍मेदार हैं।

ऑल वुमेन एयर इंडिया क्रू

 

महिलाओं को आसमान तक पहुंचते देखने का इससे अच्छा उदाहरण शायद ही मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर एयर इंडिया 20 घरेलू उड़ानों को ऑपरेट कर रही है, जिसमें केबिन-क्रू में सिर्फ महिलाएं ही शामिल हैं। इसके इतर एयर इंडिया ने सैन फ्रांसिस्को से दिल्ली तक की सीधी और लंबी उड़ान के लिए भी सिर्फ महिलाओं को केबिन-क्रू में शामिल किया है।

वेतन में फर्क क्यों

 

महिलाएं भी पुरुषों की ही तरह ऑफिस में बराबर का काम करती हैं, लेकिन फिर भी उनकी सैलरी क्यों कम होती है। जेनिफर लॉरेंस और बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण पुरुष और महिलाओं के वेतन में अंतर के मुद्दे को पहले ही उठा चुकी हैं। हम उम्मीद कर सकते हैं कि 2016 महिलाओं के लिए बदलाव लेकर आएगा और वेतन के किस अंतर को खत्म करेगा।
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हम सब जानते हैं

 

महिलाओं को रोक पाना, उनकी जिजीविषा को खत्‍म या कम कर पाना अब उनके लिए नामुमकिन है, जो महिलाओं से और उनके विकास से परेशान हो उठते हैं या उनके लिए मन में द्वेष रखते हैं। अब हमारे पास ऊपर दिए गए उदाहरणों जैसी बहुत महिलाएं हैं। सच तो यह है कि अब विवाहित महिलाएं भी अपने परिजनों के लिए खुद की जिम्‍मेदारियां मानती हैं, ज्‍यादातर महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हैं। अब महिलाओं की सुरक्षा और उनसे जुड़े दूसरे मुद्दों पर बहस हो रही है। और यही वजह है कि हम साल 2016 को लेकर ज्‍यादा उम्‍मीदें रखते हैं।