भारत में तंबाकू खाने वालों की घट रही है संख्या, 81 लाख लोगों ने पाया इस बुरी लत से छुटकारा

यह खुलासा ग्लोबल एडल्ट टोबेको सर्वे 2016-17 में किया गया है. खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने देश के सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों को निर्देश दिया है कि वे गुटखा और पान मसाले के उत्पादन और बिक्री पर लगी रोक को पूरी तरह लागू कराएं.

भारत में तंबाकू खाने वालों की घट रही है संख्या, 81 लाख लोगों ने पाया इस बुरी लत से छुटकारा

फाइल फोटो

खास बातें

  • ग्लोबल एडल्ट टोबेको सर्वे 2016-17 में दावा
  • सरकार की सख्ती का दिख रहा है असर
  • तेजी से घट रही है तंबाकू खाने वालों की संख्या
नई दिल्ली:

देश में तंबाकू   के धुआं रहित उत्पादों गुटखा व पान मसाले पर लगी रोक के सुखद नतीजे आने लगे हैं, तंबाकू का सेवन करने वालों की संख्या में 81 लाख की गिरावट आई है. यह खुलासा ग्लोबल एडल्ट टोबेको सर्वे 2016-17 में किया गया है. खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने देश के सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों को निर्देश दिया है कि वे गुटखा और पान मसाले के उत्पादन और बिक्री पर लगी रोक को पूरी तरह लागू कराएं. सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव सीके मिश्रा ने सभी राज्यों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों और संबंधित विभागों को इसी माह पत्र लिखकर कहा है कि भारत सहित विश्व में तंबाकू सेवन मौतों और बीमारियां के उन कारणों में है, जिन्हें बहुत हद तक रोका जा सकता है. 

तंबाकू ही नहीं गांजा भी बनाता है मसूड़ों को बीमार...

मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट के 23 अक्टूबर, 2016 के निर्देश का हवाला देते हुए बिहार, कर्नाटक, मिजोरम, मध्यप्रदेश और केरल के मुख्य सचिवों को छोड़कर सभी राज्य के मुख्य सचिवों से कहा है कि वे खाद्य एवं सुरक्षा मानक अधिनियम, 2011 के अंतर्गत बनाए गए खाद्य एवं सुरक्षा मानक (निशेध और प्रतिबंध) विनियमन, 2011 के तहत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करें. इस विनियमन के नियम 2024 में प्रावधान है कि तंबाकू और निकोटिन को हमारे भोजन उत्पादों के घटकों के रूप में शामिल नहीं किया जा सकता, इसलिए सभी गुटखा एवं पान मसाले जैसे खाद्य उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाई जाए, जिसमें घटक के रूप में तंबाकू और निकोटिन मौजूद हैं.

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टाटा मेमोरियल अस्पताल के प्रोफेसर एवं कैंसर सर्जन डॉ. पकंज चतुर्वेदी ने बताया कि ग्लोबल एडल्ट टोबेको सर्वे 2016-17 में खुलासा किया गया है कि 29.6 प्रतिशत पुरुष, 12.8 प्रतिशत महिला और 21.4 प्रतिशत वयस्क वर्तमान में धुआं रहित तंबाकू का उपयोग करते हैं.  सर्वे रिपोर्ट के आधार पर डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की वजह से तंबाकू उत्पादों, जैसे गुटखा, पान मसाले (तंबाकू और निकोटिन सहित) का उपयोग करने वालों की संख्या लगभग 81 लाख तक कम हो गई है. भारत सहित विश्व में तंबाकू सेवन से मौतें और बीमारियां बढ़ रही हैं, जिन्हें बहुत हद तक रोका जा सकता है. भारत में धुआं रहित तंबाकू के सेवन के कारण मृत्यु दर और रोगों में इजाफा हो रहा है. तंबाकू के कारण भारत में प्रति वर्श लगभग 10 लाख लोगों की मौतें होती हैं. उपलब्ध साक्ष्य बताते हैं कि विश्व में मुंह के कैंसर के सबसे ज्यादा मरीज भारत में हैं.
 


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