90 वर्षीय महिला का कहना था कि वो पहले ही बेहतर जिंदगी जी चुकी है
नई दिल्ली: कोरोनावायरस (Coronavirus) के बढ़ते मामलों के चलते दुनिया भर के देश वेंटिलेटर और अन्य मेडिकल उपकरणों की कमी से जूझ रहे हैं. आपको बता दें कि कोविड-19 (COVID-19) के इलाज में वेंटिलेटर की जरूरत उस वक्त पड़ती है जब मरीज खुद से सांस नहीं ले पाता. तब वेंटिलेटर के जरिए उसके फेफड़ों में ऑक्सीजन भेजी जाती है.
ऐसे समय में जब वेंटिलेटर लोगों की जिंदगी बचाने में अहम रोल निभा रहे हैं तब एक 90 वर्षीय महिला ने इसका इस्तेमाल करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि उससे किसी जवान मरीज की जान बचाई जा सके. डेली मेल की खबर के मुताबिक, बेल्जियम के बिनकॉम की रहने वाली सुजैन हॉयलार्ट्स ने अपने इलाज के लिए वेंटिलेटर लेने से मना कर दिया, जिसके बाद उनकी मौत हो गई.
बुजुर्ग महिला ने तथाकथित रूप से डॉक्टरों से कहा था, "मैं सांस लेने के आर्टिफिशियल तरीके का इस्तेमाल नहीं करना चाहती. इसे किसी जवान मरीज के लिए बचा कर रखो. मैं तो पहले से ही अच्छी जिंदगी जी चुकी हूं."
द मेट्रो के मुताबिक, सुजैन को भूख न लगने और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वो कोरोनावायरस से संक्रमित पाईं गईं थीं और उन्हें आइसोलेशन में रखा गया था. हालांकि उनकी तबियत बिगड़ती चली गई और दो दिन बाद उनकी मौत हो गई.
फॉक्स न्यूज से बात करते हुए सुजैन की बेटी ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आया कि उनकी मां संक्रमित कैसे हो गईं. उनका कहना था कि उनकी मां तो घर पर ही रह रही थीं और लॉकडाउन के सभी नियमों का पालन कर रही थीं.
90 वर्षीय बुजुर्ग महिला की अब हर कोई तारीफ कर रहा है:
बहरहाल, साफ है कि मुश्किल घड़ी में सुजैन जैसे लोगों की बदौलत ही इंसानियत पर भरोसा फिर से कायम होता है.