क्‍या एल्‍यूम‍िन‍ियम फॉइल में खाना पैक करना ठीक है?

एल्‍यूम‍िन‍ियम के बर्तनों में खाना बनाने में कोई नुकसान नहीं है, लेकिन एल्‍यूम‍िनियम फॉइल में खाना बनाना या पैक करना आपकी हेल्‍थ के लिए ठीक नहीं है.

क्‍या एल्‍यूम‍िन‍ियम फॉइल में खाना पैक करना ठीक है?

एल्‍यूम‍िन‍ियम फॉइल में गर्म खाना पैक न करें

खास बातें

  • एल्‍यूम‍िन‍ियम फॉइल में खाना बनाना या पैक करना नुकसानदेह है
  • फॉइल में रखा खाना एल्‍यूम‍िन‍ियम को सोख लेता है
  • तय सीमा से ज्‍यादा एल्‍यूम‍िन‍ियम की मात्रा शरीर को नुकसान पहुंचाती है
नई द‍िल्‍ली :

एल्‍यूम‍िन‍ियम फॉइल हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्‍सा बन चुकी है. खाना पैक करने के साथ ही सब्‍जियों, चिकन और मछली को ग्रिल करने के काम में भी इसका इस्‍तेमाल किया जाता है. हालांकि इन सबके बीच हम एक अहम चीज भूल जाते हैं. जी हां, लंबे समय तक एल्‍यूम‍िनियम फॉइल में खाना रखने से वह खराब हो जाता है और उसके पोषक तत्‍व भी मर जाते हैं. यही नहीं एल्‍यूमिनयम फॉइल में खाना गर्म करना और भी नुकसानदेह है. मसालेदार खाने में इसका दुष्‍प्रभाव सबसे ज्‍यादा पड़ता है. इस तरह का खाना एल्‍यूमिन‍ियम फॉइल को अच्‍छी तरह अवशोष‍ित कर लेता है. यही वजह है कि एल्‍यूम‍िन‍ियम फॉइल में खाना बनाने की सलाह नहीं दी जाती है. 

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एल्‍यूम‍िनियम के बर्तन सस्‍ते होते हैं और उन्‍हें साफ करना भी आसान होता है. यही वजह है कि विकासशील देशों में खाना बनाने के लिए सबसे ज्‍यादा एल्‍यूमिन‍ियम के बर्तनों का इस्‍तेमाल होता है. हालांकि एल्‍यूम‍िन‍ियम के बर्तनों में खाना बनाने में कोई नुकसान नहीं है, लेकिन एल्‍यूम‍िनियम फॉइल में खाना बनाना या पैक करना आपकी हेल्‍थ के लिए ठीक नहीं है. 

किस तरह सेहत को प्रभावित करता है एल्‍यूम‍िनियम?
एल्‍यूम‍िन‍ियम बड़ी आसानी से मल के जरिए शरीर से बाहर निकल जाता है. ऐसे में थोड़ा-बहुत इसका सेवन शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाता है. लेकिन ज्‍यादातर लोग तय सीमा से ज्‍यादा एल्‍यूम‍िन‍ियम का सेवन कर लेते हैं. मक्‍का, नमक, पीली चीज़, हर्ब्‍स, मसालों और चाय इन सब में एल्‍यूम‍िन‍ियम पाया जाता है. यहां तक कि पानी की सफाई के लिए एल्‍यूम‍िनियम सल्‍फेट का इस्‍तमाल किया जाता है. 

आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि जो लोग अल्‍जाइमर से पीड़‍ित हैं उनके ब्रेन टिश्‍यू में एल्‍यूमिनियम की बहुत ज्‍यादा मात्रा पाई गई है. कुछ शोधों में इस बात का खुलासा भी हुआ है कि एल्‍यूम‍िन‍ियम दिमाग के विकास को प्रभावित कर सकता है. साथ ही जिन लोगों को हड्ड‍ियों से संबंध‍ित बीमारियां हैं उनके लिए भी यह नुकसानदेह है. 

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क्‍यों न करें खाना बनाने के लिए एल्‍यूम‍िन‍ियम फॉइल का इस्‍तेमाल?
वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गेनाइजेशन की रिर्पोट के मुताबिक एल्‍यूम‍िन‍ियम फॉइल में पका खाना जरूरत से ज्‍यादा एल्‍यूम‍िन‍ियम खींच लेता है. मसालेदार खाने में तो यह मात्रा और भी ज्‍यादा होती है. 

कांच के बर्तनों का इस्‍तेमाल 
व‍िशेषज्ञों का मानना है कि बेकिंग के लिए एल्‍यूम‍िन‍ियम के बजाए कांच के बर्तनों का इस्‍तेमाल करना चाहिए. 

कैसे करें एल्‍यूम‍िन‍ियम फॉइल का इस्‍तेमाल? 
एल्‍यूम‍िन‍ियम फॉइल में ठंडा खाना ही पैक करना चाहिए वो भी कम समय के लिए. खाना जितना ज्‍यादा मसालेदार होगा एल्‍यूम‍िन‍ियम का अवशोषण उतना ज्‍यादा होगा. 

सेहत से है प्‍यार तो भूलकर भी एक साथ न खाएं ये चीजें

एल्‍यूम‍िन‍ियम के बर्तनों में ऊपर से एक परत होती है, जो खाने को खराब होने से रोकती है. हालांकि बार-बार बर्तन धोने से यह परत हट जाती है. इससे बचने के लिए एल्‍यूम‍िन‍ियम के बर्तन में पहली पानी उबाल लें. ऐसा करने से बर्तन साफ भी हो जाएगा और फिर खाना पकाने पर वह एल्‍यूम‍िन‍ियम को अवशोष‍ित भी नहीं करेगा.

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