April Fool's Day 2020: 1 अप्रैल को मनाया जाता है मूर्ख दिवस, जानिए इसका इतिहास और इससे जुड़ी कहानियां

April Fool's Day: अप्रैल फूल डे के दिन लोग एक-दूसरे के साथ जमकर मजाक मस्‍ती करते हैं. हर कोई अपने आस-पास के लोगों को मूर्ख बनाने की कोशिश करता है.

April Fool's Day 2020: 1 अप्रैल को मनाया जाता है मूर्ख दिवस, जानिए इसका इतिहास और इससे जुड़ी कहानियां

Happy April Fool's Day 2020: हर साल 1 अप्रैल को फूल डे मनाया जाता है

नई दिल्ली:

दुनिया भर में 1 अप्रैल (1st April) को अप्रैल फूल डे (April's Fool Day) मनाया जाता है. इसे मूर्ख दिवस भी कहा जाता है. यह एक ऐसा दिन जब लोग एक-दूसरे को मजाकिया अंदाज में मूर्ख बनाते हैं. उनके साथ फनी प्रैंक्‍स खेलते हैं. खास बात यह है कि इन मजाक या प्रैंक का कोई बुरा नहीं मानता. वैसे कई देशों में 1 अप्रैल को छुट्टी होती है, हालांकि हमारे देश में इस दिन कोई छुट्टी तो नहीं होती लेकिन लोग एक-दूसरे के साथ मजाक-मस्‍ती जरूर करते हैं और फूल यानी कि मूर्ख बनाते हैं. 
 
अप्रैल फूल डे का इतिहास
पहली बार अप्रैल फूल डे कब मनाया गया इसके बारे में कोई खास जानकारी उपलब्‍ध नहीं है. कुछ लोग फ्रेंच कैलेंडर में होने वाले बदलाव को भी अप्रैल फूल डे से जोड़ते हैं. वहीं कई लोगों का मानना है कि पुराने समय में रोम में मनाए जाने वाले हिलारिया त्‍योहार की वजह से इस दिन को मनाया जाता है. दरअसल, इस त्‍योहार में देवता अत्तिस की पूजा होती थी. इस दौरान लोग अजीब-अजीब कपड़े पहनते थे और मास्क लगाकर तरह-तरह के मजाक करते थे. इसी वजह से इतिहासकारों ने इसे अप्रैल फूल डे से जोड़ दिया. इसके अलावा डेनमार्क में अप्रैल फूल डे के तर्ज पर 1 अप्रैल को माज-काट त्‍योहार मनाया जाता है. पोलैंड में अप्रैल फूल डे को प्राइमा एप्रिलिस के नाम से जाना जाता है. वहीं, ईरान में लोग नौरोज त्‍योहार के 13वें दिन हंसी-मजाक करते हैं. यह त्‍योहार अकसर 1 या 2 अप्रैल को पड़ता है. स्कॉटलैंड में अप्रैल फूल डे को 'हंट द गौक डे' कहा जाता है. फ्रांस, इटली और बेल्जियम में अप्रैल फूल डे के दिन कागज की मछली बनाकर दोस्तों के पीछे चिपकाकर मस्‍ती की जाती है.

अप्रैल फूल डे से जुड़ी कहानियां
अप्रैल फूल डे से जुड़ी कई कहानियां प्रचलित हैं. इतिहास पर नजर डाली जाए तो 1 अप्रैल के दिन कई फनी घटनाएं हुई, जिसके चलते इस दिन को अप्रैल फूल-डे के तौर पर मनाया जाने लगा. जैसे 1539 में फ्लेमिश कवि ''एडुअर्ड डि डेने' ने एक अमीर आदमी के बारे में लिखा जिसने 1 अप्रैल को अपने नौकरों को मूर्खतापूर्ण कार्यों के लिए बाहर भेजा. 1 अप्रैल 1698 को कई लोगों को "शेर की धुलाई देखने" के लिए धोखे से टावर ऑफ लंदन में ले जाया गया. लेखक कैंटरबरी टेल्स (1392) ने अपनी एक कहानी 'नन की प्रीस्ट की कहानी' में 30 मार्च और 2 दिन लिखा, जो प्रिंटिंग में गलती के चलते 32 मार्च हो गया, जो असल में 1 अप्रैल का दिन था. इस कहानी में एक घमंडी मुर्गे को एक चालक लोमड़ी ने बेवकूफ बनाया था. इस गलती के बाद कहा जाने लगा कि लोमड़ी ने 1 अप्रैल को मुर्गे को बेवकूफ बनाया. वहीं, अंग्रेजी साहित्य के महान लेखक ज्योफ्री चौसर का 'कैंटरबरी टेल्स (1392)' ऐसा पहला ग्रंथ है जहां 1 अप्रैल और बेवकूफी के बीच संबंध जिक्र किया गया था.  

कैसे मनाया जाता है अप्रैल फूल डे
अप्रैल फूल डे के दिन लोग एक-दूसरे के साथ जमकर मजाक मस्‍ती करते हैं. हर कोई अपने आस-पास के लोगों को मूर्ख बनाने की कोशिश करता है. वहीं, हर कोई मूर्ख बनने से बचना भी चाहता है. यही वजह है कि इस दिन मिलने वाली किसी भी जानकारी को बिना जांच पड़ताल के गंभीरता से न हीं लिया जाता है. इस दिन जो भी इन जोक्स का शिकार बन जाता है यानी कि मूर्ख बनता है उसे अप्रैल फूल कहा जाता है. जो मूर्ख बनाता है वह जोर से चिल्‍लाता है- "अप्रैल फूल.."

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

नोट: पूरी दुनिया इस वक्‍त कोरोनावायरस के संकट से जूझ रही है. ऐसे में इसे लेकर किसी के साथ कोई प्रैंक या जोक न करें.