Chandra Grahan 2020: चंद्र ग्रहण के दौरान इन बातों का जरूर रखें ध्यान

Chandra Grahan 2020: वैज्ञानिक कारण से परे धार्मिक मान्‍यताओं के मुताबिक ग्रहण का विशेष महत्‍व रहता है. दरअसल, ग्रहण काल को अशुभ माना जाता है.

Chandra Grahan 2020: चंद्र ग्रहण के दौरान इन बातों का जरूर रखें ध्यान

Chandra Grahan 2020: चंद्र ग्रहण के दौरान बरतें ये सावधानियां.

नई दिल्ली:

Chandra Grahan 2020: 5 जून को साल का दूसरा चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse 2020) लगने वाला है. शुक्रवार को लगने वाला यह ग्रहण एशिया समेत यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका में देखा जा सकता है. इस चंद्र ग्रहण की अवधि कुल 3 घंटे 18 मिनट है. भारतीय समय के मुताबिक चंद्र ग्रहण 5 जून की रात को 11 बजकर 15 मिनट पर लगेगा और 06 जून की सुबह 2 बजकर 32 मिनट पर समाप्त हो जाएगा. तो चलिए आपको बताते हैं कि चंद्र ग्रहण के दौरान आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए:

चंद्र ग्रहण के दौरान इन बातों का रखें ध्यान :

1.  सूर्य ग्रहण की तरह आपको चंद्र ग्रहण चश्मा लगाकर देखने की ज़रूरत नहीं होती है. बल्कि आप चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) को नंगी आंखों से देख सकते हैं, लेकिन यह एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण है जो कि खास सोलर फिल्टर वाले चश्मों (सोलर-व्युइंग ग्लासेस, पर्सनल सोलर फिल्टर्स या आइक्लिप्स ग्लासेस) से ही देखा जा सकेगा. 

2. आप चाहें तो अपने घर की छत, बालकनी या फिर खुले मैदान या फिर पास के किसी पार्क में जाकर चांद का दीदार कर सकते हैं. 

3. वहीं, माना जाता है कि ग्रहण के वक्त खुले आकाश में ना निकलें, खासकर प्रेग्नेंट महिलाएं, बुजुर्ग, रोगी और बच्चे. ग्रहण से पहले या बाद में ही खाना खाएं.  

4. वैज्ञानिक कारण से परे धार्मिक मान्‍यताओं के मुताबिक ग्रहण का विशेष महत्‍व रहता है. दरअसल, ग्रहण काल को अशुभ माना जाता है. सूतक की वजह से इस दौरान कोई भी धार्मिक कार्य करना शुभ नहीं माना जाता. धार्मिक मान्‍यताओं में विश्‍वास रखने वाले लोग ग्रहण के वक्‍त शिव चालिसा का पाठ कर सकते हैं. 

5. ग्रहण खत्‍म होने के बाद नहाकर गंगा जल से घर का शुद्धिकरण करते हैं और फिर पूजा-पाठ कर दान-दक्षिणा करते हैं. लेकिन शास्त्रों में उपच्छाया चंद्र ग्रहण को ग्रहण ही नहीं माना जाता है. इसलिए इस ग्रहण में कोई सूतक काल नहीं लगता.

चंद्र ग्रहण से जुड़े इन मिथकों पर ना करें भरोसा

1. कहा जाता है कि ग्रहण के दौरान खाना नहीं खाना चाहिए. हालांकि यह एक सदियों पुराना मिथक है लेकिन इसके पीछे कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है.

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2. आमतौर पर माना जाता है कि ग्रहण गर्भवती महिलाओं और उनके भ्रूण को प्रभावित कर सकता है. ऐसा माना जाता है कि इस ग्रहण के कारण जोड़ों और उंगलियों में दर्द हो सकता है. यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध नहीं हुआ है लेकिन फिर भी लोग अभी भी बाहर जाने से बचते हैं और इन मिथकों में विश्वास करते हैं.