नींद पूरी नहीं हुई, तो शरीर के 'गुड कोलेस्ट्रोल' पर होगा बैड इफेक्ट

नींद पूरी नहीं हुई, तो शरीर के 'गुड कोलेस्ट्रोल' पर होगा बैड इफेक्ट

प्रतीकात्मक तस्वीर

फिट रहने के लिए केवल सही डायट और एक्सरसाइज काफी नहीं है। बल्कि स्वस्थ रहने के लिए नींद का पूरा होना भी बेहद अहम है।

नींद की कमी के कारण न केवल आपके मन: स्थिति, बल्कि आपकी दिनचर्या पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इसके कारण कोलेस्ट्रॉल चयापचय (गुड कॉलेस्ट्रॉल) पर असर पड़ सकता है, जिससे शरीर की रक्त वाहिकाएं प्रभावित हो सकती हैं। 

क्या होता है गुड कोलेस्ट्रॉल?
कोलेस्ट्रॉल खून में घुलते नहीं है, ये लिपो प्रोटीन (लिपिड) की मदद से खून के साथ कैरी होते हैं। लिपो प्रोटीन दो तरह के होते हैं- लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL) और हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL).हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन को 'गुड कोलेस्ट्रॉल' कहते हैं क्योंकि यह लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन को धमनियों पर जमने से बचाता है। इससे हार्ट अटैक या दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।

जानें क्या है नींद और स्वास्थ्य की 'केमिस्ट्री'
हेलसिंकी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, पर्याप्त नींद लेने वाले व्यक्ति की तुलना में कम नींद लेने वाले इंसान के शरीर में 'गुड कॉलेस्ट्रॉल' फ्लो में मददगार जीन कम सक्रिय होते हैं। प्रयोगशाला में नींद की कमी में और जनसंख्या स्तर पर किए प्रयोगों में यह परिणाम पाया गया है।

प्रयोगात्मक अध्ययन से यह साबित होता है कि केवल एक सप्ताह तक पर्याप्त नींद न लेने के कारण ही शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया और चयापचय में बदलाव होना शुरू होता जाता है। 

ऐसे निकला नतीजा
यूनिविर्सिटी की 'स्लीप टीम हेलसिंकी' ने विस्तारपूर्वक बताया, 'हमने नींद की कमी के कारण शरीर की प्रक्रियाओं में होने वाले बदलाव की जांच की और यह भी देखा कि कौन से बदलाव बीमारी का कारण बन सकते हैं।'इस अध्ययन में पर्याप्त नींद न लेने के कारण वंशाणु अभिव्यक्ति और रक्त लिपोप्रोटीन स्तर दोनों आधार पर कॉलेस्ट्रॉल चयापचय पर होने वाले प्रभाव की जांच की गई। 

जनसंख्या के आधार पर एकत्रित आंकड़ों में शोधकर्ताओं ने पाया कि पर्याप्त नींद लेने वाले लोगों की तुलना में नींद की कमी से गुजर रहे लोगों में उच्च घनत्व वाले लिपो प्रोटीन एचडीएल (सही कोलेस्ट्रॉल) का स्तर कम था। इन परिणामों से कम नींद लेने वाले लोगों में हृदय रोग के खतरे को बेहतर तरीके से समझने के साथ ही नींद के कारण बढ़ने वाले खतरों के तंत्रों को भी समझने में मदद मिलती है। 

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शोधकर्ताओं ने जोर देते हुए कहा कि स्वास्थ्य शिक्षा को आम बीमारियों से बचाव के लिए व्यायाम, स्वस्थ भोजन के साथ-साथ अच्छी और पर्याप्त नींद लेने पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए।