प्रेग्नेंसी से जुड़े ऐसे 10 झूठ जिन्हें आप सच मानते हैं

प्रेग्‍नेंसी के दौरान आपको कई तरह की सलाह दी जाती हैं कि ये ना करें वो ना करें. घर में ही जहां भी आप जाती है आपको हर कोई अपनी-अपनी जानकारी के अनुसार एडवाइज़ देता है.

प्रेग्नेंसी से जुड़े ऐसे 10 झूठ जिन्हें आप सच मानते हैं

प्रेग्नेंसी से जुड़े 10 सच

खास बातें

  • प्रेग्‍नेंसी के पहले सेमेस्‍टर में मॉर्निंग सिकनेस बहुत आम बात है.
  • फोन और कंप्‍यूटर से प्रग्‍नेंट महिलाओं को कोई नुकसान नहीं होता
  • प्रेग्‍नेंसी में तीन कप से ज्‍यादा कॉफी नहीं पीनी चाहिए
नई दिल्ली:

प्रेग्‍नेंसी के दौरान आपको कई तरह की सलाह दी जाती हैं कि ये ना करें वो ना करें. खाने से लेकर आपके उठने बैठने तक, हर जगह आपको सलाह दी जाती है. सिर्फ घर में ही जहां भी आप जाती है आपको हर कोई अपनी-अपनी जानकारी के अनुसार एडवाइज़ देता है. इन बातों में कुछ बातें सच होती है और बाकि झूठ. इसीलिए ज़रूरी है कि सच बातों को पहचानें और गलतफहमी से बचें. यहां जानें प्रेग्‍नेंसी से जुड़े 10 झूठ.  

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म‍िथक 1: आपकी बेली यानी कि पेट के शेप और साइज से ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि होने वाला बच्‍चा लड़का है  या लड़की. ऐसा माना जाता है कि अगर बेबी बंप नीचे की ओर झुका हुआ है तो लड़का होगा और अगर ऊपर की ओर उठा हुआ है तो इसका मतलब है कि लड़की होने वाली है.
सच:  प्रेग्‍नेंसी के दौरान आपके बेबी बंप का शेप आपके पेट के वास्‍तविक आकार, पेट की चर्बी, पेट की मांसपेश‍ियों की ताकत और यूट्रेस के अंदर बेबी की पोजिशन पर निर्भर करता है. यही नहीं अब तक आप कितने बच्‍चों की मां बन चुकी हैं इस पर भी बेबी बंप का शेप बहुत कुछ डिपेंड करता है. यानी कि अगर पहला बच्‍चा है तो बंप छोटा होगा और अगर आप दूसरी बार मां बन रही हैं तो पहली बार की तुलना में बंप साइज ज्‍यादा बड़ा होगा.
 
म‍िथक 2: प्रेग्‍नेंसी के दौरान चेहरे का ग्‍लो भी बेबी के जेंडर के बारे में बताता है. अगर चेहरे पर ग्‍लो है तो इसका मतलब है कि लड़की होने वाली है और अगर ग्‍लो नहीं है तो लड़का होगा.
सच: ज्‍यादातर प्रेग्नेंट महिलाओं का चेहरा दूसरे ट्राइमेस्‍टर के आते-आते ग्‍लो करने लगता है. ऐसा इसलिए होता है क्‍येांकि दूसरे ट्राइमेस्‍टर में मॉर्निंग सिकनेस लगभग खत्‍म सी हो जाती है. यही नहीं होने वाली मां पहले से ज्‍यादा अच्‍छी तरह खाने-पीने लगती है, ब्‍लड सर्कुलेशन बेहतर हो जाता है और तबीयत अच्‍छी हो जाती है. यही वजह है कि चेहरा भी ग्‍लो करने लगता है. चेहरे के ग्‍लो और बच्‍चे के जेंडर का आपस में कोई लेना-देना नहीं है.
 

pregnant woman with dog

मिथक 3: सीने में जलन हो तो इसका मतलब है कि होने वाले बच्‍चे के ढेर सारे बाल होंगे.
सच: प्रग्‍नेंसी के दौरान ज्‍यादातर महिलाओं को हार्टबर्न यानी कि सीने में जलन की श‍िकायत रहती है. इस दौरान पेट का खाना और एसिड फूड पाइप की ओर आने लगते हैं जिससे जलन होती है.
 
मिथक 4: प्रेग्‍नेंसी के दौरान सेक्‍स करने से लेबर पेन होता है.
सच: प्रेग्‍नेंसी के दौरान सेक्‍स करना पूरी तरह से सुरक्ष‍ित है बशर्ते की डॉक्‍टर ने मना ना किया हो. अगर कोई दिक्‍कत न हो तो ज्‍यादातर महिलाएं प्रग्‍नेंसी के आख‍िरी महीने तक सेक्‍स कर सकती हैं. सेक्‍स करने से लेबर पेन नहीं उठते.
 
मिथक 5: मॉर्निंग सिकनेस का मतलब है कि बच्‍चे को ठीक से पोषण नहीं मिल पा रहा है.
सच: प्रेग्‍नेंसी के पहले सेमेस्‍टर में मॉर्निंग सिकनेस बहुत आम बात है. अगर आप हर सुबह वॉमिटिंग करती हैं तब भी बच्‍चा पूरी तरह सुरक्ष‍ित रहता है. प्रेग्‍नेंट होने से पहले अगर आप पूरी तरह स्‍वस्‍थ थीं और प्रग्‍नेंट होने के बाद आपका वजन तेजी से नहीं घट रहा है या आपको डिहाइड्रेशन की श‍िकायत नहीं है तो इसका मतलब है कि सब ठीक है. हां, अगर मॉर्निंग सिकनेस बहुत ज्‍यादा है तो तुरंत डॉक्‍टर की सलाह लेनी चाहिए.
 
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म‍िथक 6: सेक्‍स करने से बच्‍चे को चोट पहुंचेगी.
सच: प्रग्‍नेंसी के दौरन सेक्‍स करने से बच्‍चे को कोई चोट नहीं पहुंची. दरअसल, गर्भ में पल रहे बच्चे को एब्डोमनल वॉल से लेकर एम्नीऑटिक सैक तक सुरक्षा देते है. यही नहीं सर्विक्‍स यानी कि गर्भाशया ग्रीवा बच्‍चे तक किसी भी तरह के इंफेक्‍शन को नहीं पहुंचने देता. हालांकि कुछ ऐसे मेडिकल कारण हैं जिनकी वजह से प्रेग्‍नेंसी के दौरान सेक्‍स करने की मनाही होती है जैसे कि अगर वजाइना से ब्‍लीडिंग हो रही हो या लेबर पेन शुरू हो गए हों, वॉटर बैग फट गया हो, प्‍लेसेंटा काफी नीचे हो या STDs इंफेक्‍शन का खतरा हो.
 
म‍िथक 7: एक्‍सरसाइज़ करने से बच्‍चे को नुकसान पहुंचता है
सच: अगर किसी महिला ने कभी एक्‍सरसाइज़ न की हो तो उसे भी प्रेग्‍नेंसी के दौरान जरूर एक्‍सरसाइज करनी चाहिए. हां, बहुत मुश्किल एक्‍सरसाइज नहीं करनी चाहिए. प्रेग्‍नेंसी में एक्‍सरसाइज का मतलब तनाव नहीं बल्‍कि रिलैक्‍स होने से है. 
 
मिथक 8: प्रेग्‍नेंसी के दौरान हवाई सफर नहीं करना चाहिए
सच: अगर आपकी डिल‍िवरी डेट में कम से कम छ हफ्ते का समय बचा है तो कभी-कभार प्‍लेन से सफर करने में कोई बुराई नहीं है.
 
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मिथक 9: प्रेग्‍नेंट महिलाओं को सेल फोन और कंप्‍यूटर का इस्‍तेमाल नहीं करना चाहिए

सच: सेल फोन और कंप्‍यूटर का इस्‍तेमाल करने से प्रग्‍नेंट महिलाओं को कोई नुकसान नहीं होता है. ऐसी कोई भी स्‍टडी या रिसर्च नहीं है जिसमें यह साबित हो सके कि फोन और कंप्‍यूटर के रेडिएशन से मां और बच्‍चे की सेहत पर असर पड़ता है. हां, घंटों लैपटॉप या कंप्‍यूटर के आगे आंखे गढ़ाकर बैठने से बैक पेन के साथ ही स्‍ट्रेस बढ़ेगा जो कि अच्‍छी बात नहीं है. आप बिंदास होकर प्रेग्‍नेंसी के दौरान ऑफिस में काम कीजिए बस बीच-बीच में सीट से उठकर टहलना न भूलें.
 
मिथक 10: प्रेग्‍नेंट महिलाओं को कॉफी नहीं पीनी चाहिए
सच: अगर कम मात्रा में कॉफी पी जाए तो कोई नुकसान नहीं होगा. लेकिन दिन में तीन कप से ज्‍यादा कॉफी नहीं पीनी चाहिए. अगर आप ज्‍यादा कैफीन लेती हैं तो बच्‍चे का वजन कम हो सकता है.

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