Ramzan 2018: रमज़ान से जुड़ी 10 खास बातें, जिन्हें बहुत कम लोग जानते हैं

रमज़ान के महीने के दौरान हर मुसलमान रोज़े रखता है. छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को छोड़कर. 

Ramzan 2018: रमज़ान से जुड़ी 10 खास बातें, जिन्हें बहुत कम लोग जानते हैं

रमज़ान के जुड़ी 10 खास बातें

खास बातें

  • रमज़ान 17 मई से शुरू
  • पूरे 30 दिन के होते हैं रमज़ान
  • हर रोज़ कुरान पढ़ने से मिलता है ज़्यादा सबाब
नई दिल्ली:

रमज़ान (Ramzan) का महीना चल रहा है. इस दौरान लगभग सभी मुसलमान रोज़े रख रहे हैं. इस बार रोज़ेदारों को सहरी, इफ्तार और तरावीह का सही वक्त बताने के लिए ऐप की भी शुरुआत की गई है. यह मोबाइल ऐप इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने तैयार किया है जिसका नाम है ‘आई.सी.आई. रमज़ान हेल्प लाइन ऐप’. इसके साथ ही मजलिस-ए-उलेमा-ए-हिंद की तरफ से शिया महिलाओं के लिए हर साल की तरह इस साल भी विशेष हेल्पलाइन शुरू की गई. यह हेल्पलाइन मजलिस की तरफ से हर साल जारी की जाती है, ताकि महिलाएं भी रमज़ान से जुड़े सवाल पूछ सकें. महिलाओं के लिए इस हेल्पलाइन का नंबर है- 09335735895. इसके अलावा भी ऐसी कई और बातें हैं जो रमज़ान के बारे में आपको पता होनी चाहिए. 

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यहां जानें रमज़ान से जुड़े खास तथ्यों के बारे में: 

1. रमज़ान के महीने के दौरान हर मुसलमान रोज़े रखता है. छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को छोड़कर. 
2. इस महीने में शाम की इफ्तार का खास भोजन खजूर होता है. इसके पीछे की मान्यता है कि पैगम्बर मोहम्मद ने अपने रोज़े भी खजूर खाकर खोले थे.
3. रमज़ान का महीना पूरे 30 दिन का होता है और हर दिन रोज़ा रखा जाता है. मान्यता है कि इस महीने हर रोज़ कुरान पढ़ने से ज़्यादा सबाब मिलता है.

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4. रमज़ान के महीने को तीन भागों में बांटा जाता है. 10 दिन के पहले भाग को 'रहमतों का दौर' बताया गया है. 10 दिन के दूसरे भाग को 'माफी का दौर' कहा जाता है और 10 दिन के आखिरी हिस्से को 'जहन्नुम से बचाने का दौर' पुकारा जाता है.
5. रोज़ा के दौरान मुसलमान खाने-पीने से दूर रहने के साथ-साथ सेक्स, अपशब्द, गुस्सा करने से भी परहेज करते हैं. इस दौरान कुरान पढ़कर और सेवा के जरिए अल्लाह का ध्यान किया जाता है. 
6. रमज़ान के महीने के एक दिन शब-ए-कद्र मनाई जाती है, जो कि इस बार 11 जून को है. इस दिन सभी मुस्लिम रात भर जागकर अल्लाह की इबादत करते हैं.  

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7. इस बार रमज़ान में 5 जुमे पडेंगे. रमज़ान का आखिरी जुमा 15 जून को होगा, जिसे अलविदा जुमा कहा जाता है. 
8. आपने देखा होगा कि रमज़ान की हर तस्वीर में लालटेन ज़रूर होगा. इस लालटेन की कहानी है कि रमज़ान के महीने में मिस्र के बाजारों में लोग बड़ी-बड़ी लालटेन लगाकर सड़कों को सजाते हैं. इसके पीछे मान्यता है कि मिस्र के खलीफा का स्वागत राजधानी काहिरा में लालटेन लगा कर किया जाता है.
9. रोज़े की शुरुआत सुबह सूरज के निकलने से पहले के भोजन से होती है जिसे 'सुहूर' कहा जाता है और सूरज डूबने के बाद के भोजन को 'इफ्तार' कहा जाता है.

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10. रमज़ान को नेकियों का मौसम और मौसम-ए-बहार (बसंत) भी कहा जाता है.

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