स्ट्रेच मार्क्‍स से नहीं है डरने की जरूरत, जानें कैसे हटा सकते हैं स्ट्रेच मार्क्स...

How to get rid of stretch marks: जब भी कभी कोई मोटा होता है, तो शरीर में अचानक आए बदलाव और त्वचा में आए खिंचाव के कारण त्वचा पर कई निशान उभर आते हैं, जिन्हें स्ट्रेच मार्कस कहा जाता है.

स्ट्रेच मार्क्‍स से नहीं है डरने की जरूरत, जानें कैसे हटा सकते हैं स्ट्रेच मार्क्स...

क्या आप किसी महिला को साड़ी पहने या फिर शॉर्ट टॉप पहने देखकर मुंह सिकोड लेती हैं, क्योंकि उसकी कमर और पेट पर स्ट्रेच मार्क हैं... या फिर आप गर्भवति हैं और स्ट्रेच मार्कस के बारे में सोच-सोच कर परेशान होती रहती हैं, तो अब परेशानी को कहें बाय-बाय और अपनाइए कुछ कारगर उपाय... जब भी कभी कोई मोटा होता है, तो शरीर में अचानक आए बदलाव और त्वचा में आए खिंचाव के कारण त्वचा पर कई निशान उभर आते (Stretch Marks: Common Causes and How To Get Rid of Them) हैं, जिन्हें स्ट्रेच मार्कस कहा जाता है. अकसर स्ट्रेच मार्कस का मतलब प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के पेट व जांघों पर हो जाने वाले निशानों को ही माना जाता है, लेकिन वह हर निशान जो मोटापे के कारण त्वचा में आए खिंचाव और कसाव के कारण उत्पन्न होता है स्ट्रेच मार्क कहलाता है. स्ट्रेच मार्क किसी को भी हो सकते हैं इनके लिए किसी प्रकार की आयु या सेक्स की सीमा नहीं होती होती.

सामान्यत: स्ट्रेच मार्क बगल, पेट, स्तन, जांघों, हिप्‍स और नितंबों पर होते हैं, क्योंकि मोटापा होने पर शरीर के इसी भाग पर सबसे ज्यादा चर्बी या कहें कि वसा बढ़ने से त्वचा में खिचाव उत्पन्न होता है. इन स्ट्रेच मार्कस से बचने के लिए कई तरह के उपचार मौजूद हैं जैसे कि सर्जरी आदि लेकिन सबसे बेहतर है इनके होने से पहले ही सावधानी बरती जाए.

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न आने दें ऐसा मौका

अकसर देखा जाता है कि गर्भवति महिलाएं गर्भधारण के दौरान त्वचा में आने वाले बदलावों और परेशानियों को अनदेखा करती हैं, जबकि ऐसा करना स्ट्रेच मार्कस को खुला निमंत्रण देना है. अगर स्ट्रेच मार्कस से बचना है, तो त्वचा में होने वाले बदलावों के प्रति सजग रहें. त्वचा में खुजली का होना ऐसे में आम बात है, पर वहां पर खुजली न करें. किसी अच्छे पाउडर या मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करते रहें यह खुजली को कम करने में आपकी मदद करेगा. वैसे बाजार में अनेक तरह के स्ट्रेच मार्क क्रिम उपलब्ध हैं जिनके प्रयोग से निशानों को होने से रोका जा सकता है.

पानी की सहायता लें

गर्भावस्था में भी महिलाएं उतना ही पानी पीती हैं, जितना कि आम दिनों में. गर्भावस्था में वे प्रयाप्त पानी नहीं पीती. यह आदत उनके लिए सही साबित नहीं होती, क्योंकि त्वचा में प्रयाप्त नमी की कमी होने पर खिंचाव अधिक बढ़ जाता है. गर्भवति महिला के लिए यह बेहद जरूरी है कि वह त्वचा में प्रयाप्त हाइड्रेशन और नमी के लिए अधिक से अधिक पानी का सेवन करें.

खाएं, पर जरा संभल कर

पानी ज्यादा पीने के साथ ही साथ एक और बेहतर तरीका है जिससे स्टे्रच मार्कस पर कंट्रोल किया जा सकता है. वह है आपकी डाइट. गर्भवति महिलाओं का जरूरत की सीमा को पार नहीं करना चाहिए. डॉक्‍टरों के अनुसार 11.5 से लेकर 16 किलो तक ही वजन बढना चाहिए अगर वनज अधिक बढ रहा हो, तो जरूरत है अच्छी और बेलेंस डाइट की. इसलिए अपने खाने से जंक फूड को कहें बाय-बाय और न्यूट्रिश्‍नल खाने को अपनाएं. जिस खाने में विटामिन ए, सी और डी हों, आपके और आपकी त्वचा के लिए बेहतर साबित होगा. इसी के साथ हाई प्रोटीन वाला भोजन त्वचा को स्ट्रेच मार्कस से बचा कर रखेगा.

वाह! वाह! व्यायाम

अपनी त्वचा को खिंचाव के कारण होने वाले निषानों से बचाने के लिए नियमित व्यायाम करें. ऐसा करने से त्वचा को बिना किसी परेशानी के फैलने में सहायता तो मिलेगी ही साथ ही आपका वजन भी नियंत्रण में रहेगा.

डॉक्टर से जरूर मिलें


गर्भावस्था में जो एक व्यक्ति आपका सच्चा साथी है वह है आपका डॉक्टर. इस समय छोटी से छोटी परेशानी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें. स्टेच मार्क की समस्या के लिए अपने डॉक्टर से मिलें वह निश्चित ही आपको आपके शरीर की जरूरत के अनुसार डाइट या न्यूट्रिशन देगा.

त्वचा को नमी दें

त्वचा के टेक्सचर पर भी स्ट्रेच मार्कस का होना या न होना निर्भर करता है. ऑयली त्वचा की बजाए ड्राय त्वचा पर स्ट्रेच मार्कस जल्दी होते हैं. इसलिए अगर आपकी त्वचा रूखी है, तो उसे नियमित जरूरत के अनुसार नमी देना जरूरी है. ऐलोविरा, नारियल तेल, अंगूर के बीजों, विटामिन ई, प्रो- विटामिन बी-5 और अरोमा तेलों से त्वचा को नमी दें. यह सभी तेल त्वचा को जरूरी माइस्चराइज देने का कम करेंगें और स्ट्रेच मार्क से भी बचाएंगें.

कपडें पहने जरा संभलकर

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गर्भावस्था के दौरान जो भी कपड़े पहने वे ढ़ीले और आरामदायक ही होने चाहिएं. सबसे ज्यादा ध्यान अपने ब्रा का रखें. अधिक कसी हुई या ठीली ब्रा बिलकुल न पहनें. अंदरूनी कपड़े ऐसे हों, जो आपको परेशानी की बजाए आरामदायक महसूस कराएं.

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