Surya Grahan 2020: इस वजह से खास और अलग है आज का सूर्य ग्रहण, 2039 से पहले फिर नहीं दिखेगा ऐसा ग्रहण

Surya Grahan June 2020: रविवार 21 जून को यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा. यह ग्रहण सुबह 9 बजक 15 मिनट पर शुरू होगा और दोपहर को 12 बजकर 10 मिनट पर सबसे अधिक प्रभावी होगा.

Surya Grahan 2020: इस वजह से खास और अलग है आज का सूर्य ग्रहण, 2039 से पहले फिर नहीं दिखेगा ऐसा ग्रहण

सूर्य ग्रहण 2020: कई सालों में एक बार देखने को मिलता है ऐसा सूर्य ग्रहण.

नई दिल्ली:

Summer Solstice Solar Eclipse 2020: सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) एक बेहद ही खूबसूरत खगोलीय घटना (Cosmic Event) है और 2020 में 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण (Surya Grahana 2020) बेहद ही दुर्लभ है, जो पृथ्वी पर सामान्य रूप से देखने को नहीं मिलता है. हालांकि, आगे बढ़ने से पहले आपको बता दें कि सूर्य ग्रहण कभी भी आपको नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए. इससे आपकी आंखों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इस वजह से ध्यान रखें कि आप नंग्न आंखों से कभी सू्र्य ग्रहण न देखें.

तो चलिए अब आपको बताते हैं कि 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण इतनी दुर्लभ खगोलीय घटना क्यों है. दरअसल, ऐसा इसलिए है क्योंकि 21 जून को साल का सबसे बड़ा दिन होता है, इसे ग्रीष्म संक्रांति (Summer Solstice) कहा जाता है. भारतीय संस्कृति के दृष्टिकोण से, ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है और सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी है.

क्या होती है ग्रीष्म संक्रांति (What Is Summer Solstice)
ग्रीष्म संक्राति साल का सबसे बड़ा दिन होता है. ऐसा तब होता है जब पृथ्वी, सूर्य की परिक्रमा करते हुए, सूर्य की ओर अपने अधिकतम झुकाव पर पहुंच जाती है. आपको बता दें, हर साल पृथ्वी पर दो संक्रांति देखने को मिलती है. एक ग्रीष्म और शीतकालीन अयनांत, जो तब होती है जब पृथ्वी सूर्य से सबसे दूर होती है और उसका झुकाव भी सूर्य की ओर नहीं होता.

कहां-कहां दिखाई देगा ग्रीष्म संक्रांति सूर्य ग्रहण
ग्रीष्म संक्रांति सूर्य ग्रहण, या फिर साल के सबसे बडे़ दिन लगने वाला यह ग्रहण अफ्रीका और एशिया के कई देखों में दिखाई देगा. वहीं यूके, यूएस और यूरोप के अधिकतर हिस्सों में यह सूर्य ग्रहण नजर नहीं आएगा.

भारत में ग्रीष्म संक्रांति सूर्य ग्रहण (Summer Solstice Solar Eclipse in India)
रविवार 21 जून को यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा. यह ग्रहण सुबह 9 बजक 15 मिनट पर शुरू होगा और दोपहर को 12 बजकर 10 मिनट पर सबसे अधिक प्रभावी होगा. इसके बाद दोपहर को 3 बजकर 4 मिनट पर ग्रहण समाप्त हो जाएगा. साल के पहले सूर्य ग्रहण की पूर्ण अवधि 6 घंटों की रहेगी. 

ग्रीष्म संक्रांति में लगने वाला सूर्य ग्रहण क्यों है दुर्लभ
लाइवसाइंस.कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले 2001 में 21 जून को ऐसा सूर्य ग्रहण देखने को मिला था. उससे पहले 1982 में भी 21 जून को इसी तरह का सूर्य ग्रहण देखा गया था. ऐसे में ये अनुमान है कि अगली बार 21 जून को सूर्य ग्रहण 2039 में लगेगा. इस वजह से यह सूर्य ग्रहण इतना दुर्लभ है.

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ग्रीष्म संक्रांति सूर्यग्रहण के दौरान इन बातों का रखें ध्यान:
1. सूर्य ग्रहण के दौरान अक्सर लोग नंगी आंखों के सूरज को देखते हैं. ऐसा भूलकर भी न करें. यह आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है.
2. अगर आपको सूर्यग्रहण देखना है तो इसके लिए सोलर फिल्टर चश्मे का इस्तेमाल करें. 
3. सोलर फिल्टर चश्मे को सोलर-व्युइंग ग्लासेस, पर्सनल सोलर फिल्टर्स या आइक्लिप्स ग्लासेस भी कहते हैं. 
4. चश्मा न होने की स्थिति में सूर्य ग्रहण न देखें. 
5. सूर्यग्रहण के दौरान सूरज को पिनहोल, टेलीस्कोप या फिर दूरबीन से भी न देखें.