जवां दिमाग चाहिए, तो लिफ्ट नहीं सीढ़ियों से जाइए

जवां दिमाग चाहिए, तो लिफ्ट नहीं सीढ़ियों से जाइए

क्‍या मेट्रो में, ऑफिस में या घर पर भी सीढ़ियां देखते ही आपको ऐसा महसूस होता है कि आप दिन भर काम करके बहुत थक चुके हैं। और अगर आप सीढ़ियों का इस्तेमाल करेंगे, तो जो लिफ्ट लगी है उसका क्‍या फायदा होगा। तो जनाब, ये सिर्फ आपके शरीर ही नहीं, बल्कि आपके दिमाग के लिए भी ठीक संकेत नहीं हैं।

जी हां, लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों के इस्तेमाल से शरीर चुस्त तो रहता ही है, दिमाग भी दुरुस्त रहता है। साथ ही यह मस्तिष्क को ज्यादा समय तक बुढ़ापे के लक्षणों से भी बचाकर रखता है। एक नए शोध में यह पता चला। शोध के निष्कर्षो से सामने आया है कि वृद्ध लोग अगर सीढ़ियों का प्रयोग करते हैं, तो उनका दिमाग सक्रिय रहता है, जिससे दिमाग की आयु बढ़ने वाली प्रक्रिया धीमी हो जाती है।

कनाडा की कोनकोर्डिया यूनिवर्सिटी से इस अध्ययन के मुख्य लेखक जैसन स्टेफनर ने बताया, "विभिन्न विभागों और सार्वजनिक परिवहन केंद्रों में 'टेक द चेयर्स' सीढ़ियों के प्रयोग अभियान का समर्थन देखने को मिलता है।"

स्टेफनर कहते हैं, "यह अध्ययन बताता है कि इन अभियानों में वृद्धों लोगों को भी शामिल करना चाहिए, ताकि वह अपने मस्तिष्क को जवां रख सकें।"

इस शोध में 19-79 आयु वर्ग के 331 स्वस्थ्य लोगों को शामिल किया गया था। इसके तहत स्टेफनर और इनके सहयोगियों ने प्रतिभागियों के मस्तिष्क की जांच के लिए मैग्नेटिक रेसोनेंस इमैजिंग का इस्‍तेमाल किया।

स्टेफनर के अनुसार, "यह निष्कर्ष वाकई प्रोत्साहित करने वाले रहे, जब हमें पता चला कि एक सामान्य गतिविधि जैसे सीढ़ियों की चढ़ाई दिमाग के स्वास्थ्य को बढ़ाने में एक असरदार उपकरण के रूप में हस्तक्षेप कर सकती है।"

यह शोध 'न्यूरोबायोलॉजी' पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)