समय से पहले ही दूर करें सौंदर्य समस्याएं, बढ़ाएं आत्‍मविश्‍वास

वर्तमान में यह सर्जरी, मध्यम वर्ग के लोगों के बीच प्रचलित हो रही है और इनके बीच में इसकी अधिक मांग हो रही है.

समय से पहले ही दूर करें सौंदर्य समस्याएं, बढ़ाएं आत्‍मविश्‍वास

कॉलेज शुरू होने से पहले ही, सौंदर्य समस्याओं को दूर करने में विश्वास रखतें है आज के युवा

दिल्ली:

आज के युवाओं के लिए फर्स्‍ट इम्प्रेशन सबसे महत्वपूर्ण होता है. एक परिपूर्ण लुक उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद करता है. कॉलेज जाने वाले छात्र अपनी उपस्थिति को दर्शाने के लिए अधिक जागरूक हो रहे हैं. अनगिनत युवा गैर सर्जिकल प्रक्रियाओं के लिए ब्यूटी क्लीनिक पर पैसे जुटा रहे हैं. प्राइव क्लिनिक गुरुग्राम के एमडी डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. अमित भसीन बताते हैं कि इससे पहले कॉस्मेटिक सर्जरी मशहूर हस्तियों और संपन्न वर्ग के लोगों के साथ एक समय के लिए जुड़ा था, लेकिन वर्तमान में यह सर्जरी, मध्यम वर्ग के लोगों के बीच प्रचलित हो रही है और इनके बीच में इसकी अधिक मांग हो रही है.

उन्होंने कहा, 'आज शेप में रहना और स्मार्ट दिखना महत्वपूर्ण हो गया है. इसके लिए हम किशोरों में सुधारात्मक सर्जरी के प्रति रुझान की प्रवृत्ति देख रहे हैं. नाक को ठीक करने से लेकर लीपोसक्शन तक, लेजर हेअर रिमूवल से लेकर जबड़ों को ठीक करने तक, केमिकल पील से फोटो फेशियल तक, दाग-धब्बों को हटाने से लेकर त्वचा को निखारने तक सबके लिए वे अतिरिक्त दर्द उठा रहे हैं.'

दुनिया भर में लोग इसपर कर रहें हैं खर्च
अमित बताते हैं कि वास्तव में, ब्यूटी उत्पादों का व्यापार वार्षिक जीडीपी के साथ हर साल बढ़ रहा है और पूरी दुनिया में लोग दूसरी प्रमुख चीजों की तरह इसपर भी अधिक पैसा खर्च कर रहे हैं. उदाहरण के लिए, अमेरिकी प्रति व्यक्ति ब्यूटी के ऊपर शिक्षा से अधिक खर्च करते हैं. तो, ऐसा कह सकते हैं कि भारतीय इसके लिए अधिक कर सकते हैं.

शोध से चला मालुम 
2007 में की गई नील्सन के शोध के अनुसार, 84 प्रतिशत भारतीय अपनी पुरानी पीढ़ी की तुलना में अधिक आकर्षक दिखने का दबाव अधिक होता है. 30 प्रतिशत भारतीयों की पहचान सौंदर्य उत्पादों और दूसरे उपचारों पर अधिक से अधिक खर्च करने में हुई. 36 प्रतिशत हर महीने बालों की देखभाल 21 प्रतिशत हर महीने फेशियल उपचारों पर खर्च करते हैं.और इससे भी अधिक है आज, औसतन भारतीय, ब्यूटी उत्पादों पर हर साल 7,000 रुपये खर्च करते हैं.

1995 में लोग अपनी वार्षिक आय का केवल चार प्रतिशत ही इसके ऊपर खर्च करते थे, जो 2005 में बढ़कर दोगुना यानी आठ प्रतिशत हुई. इसमें संभावना यह है कि यह बढ़कर 11 प्रतिशत हो जाएगी, इसमें प्रति व्यक्ति औसतन वार्षिक रूप से 49,000 रुपये खर्च होगा, जो कि एक पल में बढ़कर सात गुना हो रहा है.

सेलिब्रिटीज से लोग लेतें है प्रेरणा 
यह क्यों हो रहा है? हम देख रहे हैं कि समय के साथ तकनीक बढ़ रही है और लोग मोबाइल और इंटरनेट का प्रयोग अधिक कर रहे हैं. हमारे पसंदीदा अभिनेता/अभिनेत्री सुंदर और आकर्षक दिखने के लिए जो प्रयोग करते हैं वह पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो जाता है. जैसे कि प्रियंका चोपड़ा और शिल्पा शेट्टी ने अपनी नाक को शेप में लाया, काजोल और श्री देवी ने त्वचा की खूबसूरती के लिए कुछ प्रयोग किए. इसलिए हम कह सकते हैं कॉस्मेटिक सर्जरी और ट्रीटमेंट एक तरह का ट्रेंड बन गया है, जिसको सभी आजमा रहे हैं.

नहीं है साइड-इफेक्ट
इन ट्रीटमेंट का अधिक साइड-इफेक्ट भी नहीं होता है, ट्रीटमेंट के बाद केवल चिकित्सक द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना होता है.

न्‍यूज एजेंसी आईएएनएस से इनपुट

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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