1. गंगटोक, सिक्किम (Gangtok, Sikkim)
घने पहाड़ों के बीच बसे हुए शहर गंगटोक शहर की सफाई आपको बहुत पसंद आने वाली है. खूबसूरत पहाड़, साथ में बहती तीस्ता नदी और साफ सड़कें, गंगटोक के सफर को और सुहाना बना देती हैं. यहां पैराग्लाइडिंग, रिवर राफ्टिंग और स्कीइंग जैसे एडवेंचर स्पोर्ट्स किए जा सकते हैं. इसके अलावा गंगटोक का लाल बाज़ार, एम.जी. रोड, सेवन सिस्टर वाटरफॉल (यहां से आपको कंचनजंगा की ऊंची चोटी भी दिखेगी. आप वाटरफॉल और कंचनजंगा को बायनाकुलर यानी कि दूरबीन की मदद से देख पाएंगे.) यहां कि सॉन्ग्मो लेक (Tsongmo Lake), आप गंगटोक से इंडिया-चीन बॉर्डर नाथूला पास भी देख सकते हैं. गंगटोक से 80 किलोमीटर की दूरी पर नामची में स्थित चारधान भी आप देख सकते हैं.
कब जाएं - मॉनसून में सिक्किम जाना अवॉइड करें. क्योंकि इस मौसम में यहां लैंडस्टाइड होते हैं और बादलों की वजह से पहाड़ छिप जाते हैं. सिक्किम जाने का बेस्ट समय है अक्टूबर, नवंबर, अप्रैल और मई.
कैसे जाएं - गंगटोक ट्रेन और प्लेन, दोनों तरीकों से जा सकते हैं. गंगटोक का सबसे करीबी एयरपोर्ट बागडोगरा एयरपोर्ट है जो कि गंगटोक से 124 किलोमीटर दूरी पर मौजूद है. वहीं, सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन सिलीगुड़ी का न्यू जलपाईगुड़ी है.
2. शिलॉन्ग, मेघालय (Shillong, Meghalaya )
मेघायल की राजधानी शिलॉन्ग को 'पूरब का स्कॉटलैंड' भी कहा जाता है. यहां के पहाड़ और खूबसूरत हरियाली की वजह से यहां बारह महीने शानदार मौसम रहता है. यहां मौजूद शिलांग पीक, लेडी हैदरी पार्क, कैलांग रॉक, वार्डस झील और मीठा झरना देख सकते हैं. अगर आपके पास वक्त ज्यादा हो तो शिलॉन्ग को पैदल भी लोकल ट्रांसपोर्ट की मदद से घूमा जा सकता है. अगर आप वहां कैब सुविधा लें तो आस-पास मौजूद जगहें जैसे उमियम झील, हाथी झरना, मौसिनराम गांव और जैकरम हॉट स्प्रिंग भी घूम सकते हैं.
कब जाएं - मार्च से जून शिलॉन्ग जाने का बेस्ट टाइम है. इस मौसम में आप वहां की नैचुरल ब्यूटी का लुत्फ उठा सकते हैं.
कैसे जाएं - सबसे नज़दीक है शिलॉन्ग एयरपोर्ट. आप ट्रेन से भी इस शहर में जा सकते हैं. लेकिन शिलॉन्ग का सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन गुवाहाटी है, जो कि 105 किलोमीटर की दूरी पर है.
3. दार्जिलिंग, वेस्ट बंगाल (Darjeeling, West Bengal)
सिक्किम की तरह दार्जिलिंग में घने पहाड़ मौजूद हैं. यहां आप टी एस्टेट, मौनेस्ट्री, बतासिया गार्डन, कंचनजंघा व्यू पॉइंट, गोरखा वार मेमोरियल, दुनिया का 14वां और इंडिया का सबसे ऊंचाई पर मौजूद रेलवे स्टेशन (घूम रेलवे स्टेशन), मिरिक लेक, टाइगर हिल्स, रॉक गार्डन, माल रोड, महाकाल मंदिर, जैपनीज़ बुद्धिस्ट मंदिर, तेंज़िग रॉक, दार्जिलिंग रोप वे और पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क देख सकते हैं. दार्जिलिंग से आप कुसॉन्ग (Kurseong), भारत और नेपाल का बॉर्डर मिरिक भी देख सकते हैं.
कब जाएं - गंगटोक की ही तरह यहां मॉनसून में ना जाएं, क्योंकि बादल आपका व्यू खराब कर सकते हैं. दार्जिलिंग घूमने का बेस्ट समय है अक्टूबर, नवंबर, अप्रैल और मई.
कैसे जाएं - दार्जिलिंग का सबसे करीबी एयरपोर्ट बागडोगरा एयरपोर्ट है जो कि दार्जिलिंग से 124 किलोमीटर दूरी पर मौजूद है. वहीं, सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन सिलीगुड़ी का न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन है.
4. संदक्फू, सिक्किम (वेस्ट बंगाल बॉर्डर) (Sandakphu, Sikkim)
संदक्फू (Sandakphu) चोटी पश्चिम बंगाल, भारत की सबसे ऊंची पर्वत चोटी है, जो दार्जिलिंग में मौजूद है. यह नेपाल के इलम शहर की भी सबसे ऊंची चोटी में शामिल है. इस चोटी पर एक छोटा-सा गांव है जिसमें सैलानियों के लिए कुछ हॉस्टल बने हुए हैं. संदक्फू चोटी से दुनिया की पांच सबसे ऊंची चोटियों में से चार, एवरेस्ट, कंचनजंगा, ल्होत्से और मकालू देखे जा सकते हैं. तो अगर आपको हाइट से प्यार है तो ये जगह आपके लिए परफेक्ट है.
कब जाएं - आप यहां मार्च से जून के बीच जाएं. सर्दियों और मॉनसून में कोहरे की वजह से आपको कुछ नज़र नहीं आएगा.
कैसे जाएं - दार्जिलिंग से संदक्फू चोटी चार घंटे की दूरी पर है और मिरिक से ये यह चोटी सिर्फ 26 किलोमीटर की दूरी पर है. यहां का सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट बागडोगरा है, जो कि दार्जिलिंग से तीन घंटे की दूरी पर है. वहीं, इतनी ही दूरी पर सिलीगुड़ी रेलवे स्टेशन है.
5. तवांग, अरुणाचल प्रदेश (Tawang, Arunachal Pradesh)
ये शहर भी टूरिस्ट्स के बीच काफी पॉपुलर है. 3500 मीटर ऊंचाई पर मौजूद इस जगह पर लोग पहाड़, छोटे-छोटे गांव और झीलों को देखने आते हैं. तवांग के बौद्ध मठ भी काफी प्रसिद्ध हैं. यहां लोग याक की सवारी करने, पहाड़ और नदी किनारे बने खूबसूरत होटल, फूलों की घाटी, कैंपिंग, बाइक राइडिंग और ब्रिज पर घूमने के लिए आते हैं.
कब जाएं - अक्टूबर, नवंबर, फरवरी और मार्च तवांग घूमने के लिए बेस्ट टाइम है.
कैसे जाएं - तवांग में कोई रेलवे स्टेशन नहीं है इसके सबसे नजदीक रंगापाड़ा रेलवे स्टेशन है जो असम में है. रंगापाड़ा से तवांग की दूरी करीब 383 किलोमीटर है. रंगापाड़ा रेलवे स्टेशन से देश के 80 से ज्यादा रेलवे स्टेशन सीधे जुड़े हुए हैं. रेलवे स्टेशन पर उतरकर आप आगे का सफर कैब या बस से कर सकते हैं. कैब हायर करके या बस के जरिए तवांग पहुंच सकते हैं. तवांग, अरुणाचल प्रदेश में कोई एयरपोर्ट भी नहीं है. सबसे नजदीकी एयरपोर्ट असम का तेजपुर है. जो तवांग से करीब 317 किलोमीटर दूर है.