रमज़ान में ऐसी होनी चाहिए आपकी Diet, जानिए सहरी-इफ्तार में क्‍या खाएं और क्‍या नहीं?

जो लोग रोज़ा रख रहे हैं उन्‍हें दिन की शुरुआत यानी कि सहरी में खाना जरूर खाना चाहिए. साथ ही खाना ऐसा हो जिससे दिन भर आपको भूख न लगे.

रमज़ान में ऐसी होनी चाहिए आपकी Diet, जानिए सहरी-इफ्तार में क्‍या खाएं और क्‍या नहीं?

रमज़ान में अगर रोज़ा रख रहे हैं तो खान-पान पर विशेष ध्‍यान दें

खास बातें

  • अगर रोज़ा रख रहे हैं तो सहरी में खान जरूर खाएं
  • दिन की शुरुआत फाइबर वाले खाने से करनी चाहिए
  • इससे दिन भर आपका पेट भरा रहेगा और एक्टिव रहेंगे
नई द‍िल्‍ली :

रमज़ान का मुबारक महीना चल रहा है. रोज़ेदार रोज़े रखकर अल्‍लाह की इबादत कर रहे हैं. ऐसे में रोज़ेदारों को पौष्टिक खाने के साथ दिन की शुरुआत करनी चाहिए, ताकि उनका शरीर दिनभर तृप्त महसूस करे और वे ऊर्जावान बने रहें. पोषण विशेषज्ञ उमंग अग्रवाल ने इस मामले में ये सुझाव दिए हैं: 

रमज़ान में इस तरह डायबिटीज और दिल के मरीज भी रख सकते हैं रोज़े

सहरी के लिए कुछ ऐसा होना चाहिए आपका खान-पान
1.
 तड़के खाई जाने वाली सहरी को कभी नहीं छोड़ें क्योंकि यह आपके लिए मुख्य भोजन है, जिस पर पूरा दिन आपका शरीर निर्भर रहता है. 

2. रात में बादाम भिगोकर रख दें. इससे अपने दिन की शुरुआत करें और फिर फलों के साथ जूस या दूध का लें.

3. दिनभर खुद को तृप्त महसूस कराने के लिए हाई-फाइबर वाला आहार जैसे सब्जियों के साथ पनीर/ चिकन/अंडे के साथ मल्टीग्रेन वाली रोटी खाएं.

4. ओट्स या म्लटीग्रेन आटे से बने स्टफ परांठे के साथ नॉन-स्टिक पैन पर बने पनीर या अंडे की भुरजी खाएं, जिससे दिनभर आपके शरीर को तृप्ति महसूस होगी. 

 इफ्तार लिए कुछ ऐसा होना चाहिए आपका खान-पान

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1. शाम के समय नमक और चीनी डाले गए एक गिलास नींबू पानी के रोज़ा खोलें, इससे आपके शरीर में पानी की कमी नहीं होगी. 

2. खजूर परंपरागत रूप से और स्वास्थ्य के लिहाज से भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये ऊर्जा स्रोत और महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. 

3. डायबिटीज के मरीजों को खजूर के सेवन से बचना चाहिए और जिन्हें लैक्टोस से समस्या है, वे नियमित दूध के बजाय सोया मिल्क का सेवन कर सकते हैं. 

4. थोड़ी-थोड़ी  देर में खाना खाएं, जिसमें ब्राउन राइस या हाई फाइबर वाली रोटी, ढेर सारा वेजिटेबल सलाद, लीन मीट, मछली या अंडा शामिल हो. 

कैसे रोज़ा बरकरार रखा जा सकता है? 
रोज़ा रखने से आपकी हेल्‍थ पर असर पड़ सकता है. डॉक्‍टर दीपक पराशर ने इस मामले में कुछ सुझाव दिए हैं:

1. डायबिटीज से पीड़ित लोगों के शरीर में रोज़े के दौरान ग्लूकोज का स्तर कम या ज्यादा होने का जोखिम रहता है. असमय भोजन और दवाओं के अनुचित सेवन से शरीर में ब्लड शुगर का स्तर कम हो सकता है. इससे हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है, जिससे कमजोरी या चक्‍कर आ सकता है.

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2. हाई बीपी से परेशान लोगों को समय पर दवाइयां लेनी पड़ती है. रमज़ान के दौरान सख्त नियम रोज़े के दौरान दवा या पानी लेने की मंजूरी नहीं देते. हाई बीपी वाले लोगों के लिए इस तरह के बदलाव नुकसानदायक साबित हो सकते हैं. 

3. थायराइड से पीड़ित जो लोग नियमित रूप से दवाई लेते हैं, उनके लिए अनुचित या असमय दवाइयां लेने से शरीर में हॉर्मोनल असंतुलन हो सकता है, इसलिए दवाइयां लेना न छोड़ें. 

4. गर्म मौसम में देर तक भूखा-प्यासा रहने से डिहाइड्रेशन हो सकता है, जिससे कमजोरी, सिरदर्द हो सकता है. 

5. देर तक खाली पेट रहने से पेट में दर्द, पेट का फूल जाना, गैस बनना जैसी समस्या हो सकती है. इससे बचने के लिए 'सहरी' के अपने हिस्से को न छोड़ें. 

6. रोज़े के दौरान खाया जाने वाला खाना आमतौर पर फैट से भरपूर और ज्यादा तला-भुना होता है. ऐसे में जिन लोगों को पहले से कोलेस्ट्रॉल है, उनमें इसका स्तर बढ़ सकता है और दिल से जुड़ी हुई दिक्‍कत हो सकती है.

7. हर कोई लंबी समय तक भूखा-प्यासा नहीं रह सकता. देर तक भूखा-प्यासा रहने से कई लोगों में कमजोरी हो सकती है.

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(इनपुट:आईएएनएस)


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