World Mosquito Day 2020: जानें विश्व मच्छर दिवस का इतिहास, महत्व और मच्छरों के बारे में जरूरी बातें

लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व मच्छर दिवस मनाया जाता है. यह दिन लोगों को मच्छरों से होने वाली बीमारियों और उनसे कैसे बचा जाए के बारे में जागरूक करने के लिए मनाया जाता है.

World Mosquito Day 2020: जानें विश्व मच्छर दिवस का इतिहास, महत्व और मच्छरों के बारे में जरूरी बातें

Mosquito Day: हर साल 20 अगस्त को मनाया जाता है विश्व मच्छर दिवस.

खास बातें

  • हर साल 20 अगस्त को मनाते हैं विश्व मच्छर दिवस
  • लोगों को जागरूक करने के लिए इस दिन की हुई थी शुरुआत
  • हर साल 1 मिलयन से अधिक लोगों की मच्छर के काटने से होती है मौत
नई दिल्ली:

हर साल 20 अगस्त को मच्छरों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व मच्छर दिवस मनाया जाता है. यह दिन लोगों को मच्छरों से होने वाली बीमारियों और उनसे कैसे बचा जाए के बारे में जागरूक करने के लिए मनाया जाता है. America Mosquito Control Association के मुताबिक हर साल दुनियाभर में मच्छर के काटने की वजह से 1 मिलियन से अधिक लोगों की मौत होती है. 

UNICEF की एक रिपोर्ट के अनुसार विश्वभर की 40 प्रतिशत तक की जनसंख्या उन इलाकों में रहती है, जहां मलेरिया होने का खतरा सबसे अधिक है. मानसून का मौसम मच्छरों को पैदा करने के मौसम के रूप में जाना जाता है. इस वजह से मानसून के मौसम में हर साल मच्छर से होने वाली बीमारियों के सबसे अधिक मामले सामने आते हैं. 

इस कड़ी में दिल्ली सरकार ने पिछले साल एंटी डेंगू कैंपेन 10 हफ्ते, 10 बजे, 10 मिनट को लॉन्च करने की घोषणा की थी. इस कैंपेन को लॉन्च करने की शुरुआत 2019 में की गई थी. 

विश्व मच्छर दिवस का इतिहास
1987 में एक ब्रिटिश डॉक्टर रोनाल्ड रोस ने मच्छर और उस वक्त की सबसे खतरनाक बीमारी मलेरिया के बीच एक लिंक देखा था. रोनाल्ड रोस ने ही ये पता लगाया था कि एक मादा मच्छर के काटने की वजह से लोगों को मलेरिया होता है. रोनाल्ड रोस और उनकी टीम की इस रिसर्च को देखते हुए लंदन के हाइजीन और ट्रोपिकल मेडिसिन ने 20 अगस्त को हर साल विश्व मच्छर दिवस मनाने की घोषणा की थी. इस दिवस का उद्देश्य लोगों के बीच मच्छरों से होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक करने के लिए किया गया था. 

किन मच्छरों से होती है कौन सी बीमारी

1. एडीज
इन मच्छरों पर सफेद और काले मार्क्स होते हैं. इन मच्छरों के काटने से डेंगू, रिफ्ल वैली फीवर, जीका, येलो फीवर और चिकनगुनिया होता है. 

2. मलेरिया का मच्छर
इन मच्छरों पर पेल या फिर डार्क पंख होते हैं. ये मलेरिया और लसीका फाइलेरिया जैसे रोगों का कारण बनते हैं.

3. क्यूलैक्स
इन मच्छरों को शरीर पर भूरे रंग के निशान होते हैं. ये एलिफेंटियासिस और वेस्ट नाइल बुखार जैसी बीमारियों का कारण बनते हैं.

मानसून में मच्छर जनित बीमारियों के खिलाफ रोकथाम
- अपने इलाकों में मच्छरों को पैदा न होने दें.
- अपने घर की खिड़कियों और दरवाजों को बंद रखें.
- रोज नहाएं और खुद को साफ रखें क्योंकि मच्छर पसीने से आकर्षित होते हैं. 
- मच्छरदानी के बिना न सोएं.
- हल्के रंग के कपड़े पहनें.
- डस्टबिन को हमेशा ढक कर रखें.

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मच्छरों से जुड़े तथ्य
- एनोफिलीज मच्छरों की लगभग 40 प्रजातियां हैं जो मनुष्यों में मलेरिया के लिए जिम्मेदार हैं. ये मच्छर ज्यादातर सुबह या सुबह के समय काटते हैं.
- एडीज एजिप्टी, एक प्रकार का एडीज मच्छर, एक वर्ष से अधिक समय तक पानी के बिना रह सकता है.
- मच्छर के काटने से रोकने के तरीकों में से एक मच्छरदानी का उपयोग करना है. अवशिष्ट कीटनाशकों द्वारा दीवारों और अन्य सतहों को कोटिंग करके भी रोका जा सकता है.
- मादा मच्छर काटते हैं क्योंकि उन्हें अंडे के उत्पादन के लिए रक्त की आवश्यकता होती है जबकि नर मच्छर फूल अमृत या चीनी स्रोतों पर जिंदा रहते हैं.