बच्चों के लिए खतरा:
घर में जब कोई धूम्रपान करता है, तब तंबाकू के धुएं में मौजूद निकोटीन यानी हानिकारक कीटाणुओं का समूह हवा में तैरता हुआ आसपास के बच्चों के हाथों पर जाकर चिपक जाता है. ये कीटाणु हाथों पर दिखाई तो नहीं देते, लेकिन एक शोध में उनकी मौजूदगी की पुष्टि हुई है. जो लोग सोचते हैं कि अपने बच्चों के आसपास धूम्रपान न करना काफी है, लेकिन ऐसा नहीं है. हवा में जो तंबाकू के कीटाणु मिले होते हैं, वे तैरते हुए दूर तक भी जा सकते हैं.
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नहीं आएगा कोई भी स्वाद
अगर आप खाने के शौकीन हैं और अच्छे स्वादिष्ट खाने के बिना नहीं रह सकते, तो जितनी जल्दी हो सके धूम्रपान छोड़ दें. नहीं तो आपके मुंह का स्वाद आपका साथ छोड़ देगा. आपको यह जानकर अजीब लग सकता है, लेकिन स्मोकिंग करने से जीभ की टेस्ट बड्स खराब होते हैं और आपको मसाले का स्वाद पहचानने में दिक्कत हो सकती है.
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कैंसर
यह बात तो सभी जानते हैं कि तंबाकू के सेवन से कई तरह के कैंसर होने के चांसेज बढ़ जाते हैं. तंबाकू से लंग, अपर गैस्ट्रोइन्टेस्टनल ट्रैक्ट, रेस्पिरेट्ररी ट्रैक्ट, लिवर, किडनी, यूरिनरी ब्लै डर, पेन्क्रियाज, नेजल कैविटी, ओरल कैविटी और सर्विक्स कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है. यही नहीं भारत में कैंसर से होने वाली मौतों में 10 फीसदी तंबाकू के कारण होती हैं.
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WHO की यह रिपोर्ट
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, तंबाकू के इस्तेमाल से हर साल तकरीबन 6 मिलियन लोगों की मौत होती है. वहीं 6 लाख लोग ऐसे भी हैं जो नॉन-स्मोकर्स हैं लेकिन धूम्रपान के धुंए से इनकी सेहत को नुकसान पहुंचता है. इतना ही नहीं, हर 6 सेकेंड में तंबाकू के कारण एक व्यक्ति की मौत होती है. भारत में ही 274.9 मिलियन लोग तंबाकू का इस्तेमाल करते हैं.
आंखों को है खतरा
धूम्रपान से होने वाले नुकसानों में एक नुकसान यह भी है कि इससे आपकी आंखों की रौशनी जा सकती है. जी हां, धूम्रपान 50 या उससे ज्यादा उम्र के लोगों की आंखों की रोशनी को प्रभावित कर सकता है. इस दिक्कत को एज रिलेटेड मैक्युलर डिजेनरेशन कहते हैं, इसे एएमडी भी कहते हैं. इसमें रेटीना को नुकसान पहुंचता है और आंखों की रोशनी जा भी सकती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दुनिया भर में एएमडी, आंखों की रोशनी जाने की तीसरी सबसे बड़ी वजह है.