World Voice Day 2020: 16 अप्रैल को ही क्यों मनाया जाता है विश्व आवाज दिवस? जानें इसका इतिहास और महत्व

World Voice Day 2020: अब आवाज संबंधी बीमारियां और समस्याएं बढ़ रही हैं. लोग स्मोकिंग, ड्रग और चिल्ला कर बोलने की वजह से अपनी आवाज को क्षति पहुंचा रहे हैं.

World Voice Day 2020: 16 अप्रैल को ही क्यों मनाया जाता है विश्व आवाज दिवस? जानें इसका इतिहास और महत्व

World Voice Day 2020: हर साल 16 मार्च को मनाया जाता है विश्व आवाज दिवस.

नई दिल्ली:

World Voice Day 2020: विश्‍व आवाज दिवस यानी कि वर्ल्ड वॉइस डे (World Voice Day 2020) की शुरुआत लोगों को उनकी आवाज के प्रति जागरूक करने के लिए ही कई गई है और हर साल 16 अप्रैल को विश्व आवाज दिवस (World Voice Day) मनाया जाता है. आज के वक्त में इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है. 

दरअसल, अब आवाज संबंधी बीमारियां और समस्याएं बढ़ रही हैं. लोग स्मोकिंग, ड्रग और चिल्ला कर बोलने की वजह से अपनी आवाज को क्षति पहुंचा रहे हैं. वर्ल्ड वॉइस डे 2020 पर आपको बताते हैं कि किस तरह से इसकी शुरुआत हुई और इस दिन का क्या महत्व है. 

16 अप्रैल को ही क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड वॉइस डे?
विश्व आवाज दिवस हर साल 16 अप्रैल को दुनिया भर में मनाया जाता है. यह दिवस विशेष रूप से दुनिया भर में ओटोलरींगोलॉजिस्ट-हेड एंड नेक सर्जन और अन्य आवाज स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा मनाया जाता है और इसकी शुरुआत 1999 में ब्राजील में हुई थी. ब्राजील (Brazil) के आवाज स्वास्थ्य पेशेवरों के समूह ने ही लोगों को जागरूक करने के लिए इसकी शुरुआत की थी.

वर्ल्ड वॉइस डे का इतिहास (History Of World Voice Day)
1999 में इस दिन की शुरुआत ब्राजील नेशनल वॉइस डे के रूप में हुई थी, जिसे अर्जेंटीना, पुर्तगाल जैसे देशों में भी मनाया जा रहा था. ब्राजील के आवाज स्वास्थ्य पेशेवरों के समूह ने ही इस दिन की शुरुआत की थी. डॉ. नेडिओ स्टीफेन की अध्यक्षता में ब्राजील सोसाइटी ऑफ लारिंगोलॉजी और वॉइस ने इसकी शुरुआत की थी. इसके बाद 2002 में अमेरिकन एकेडमी ऑफ ओटोलरींगोलॉजिस्ट-हेड एंड नेक सर्जरी ने इसे विश्व आवाज दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की थी.

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वर्ल्ड वॉइस डे का महत्व (World Voice Day Importance)
वर्ल्ड वॉइस डे की शुरुआत लोगों को यह याद दिलाने के लिए की गई थी कि उनकी जो आवाज है वो एक तोहफा है. साथ ही विश्व आवाज दिवस पर ऐसे लोगों की कहानियों को सामने रखा जाता है, जिनकी आवाज, किसी बीमारी या कैंसर के कारण चली गई. साथ ही लोगों को आवाज के प्रति जागरूक करने के लिए यह दिन मनाया जाता है.