बेहतर इंसान बनने के लिए साहित्य और कविता का जीवन में समावेश जरूरी

आज के तेज भागदौड़ की जिंदगी में साहित्य और कविता के प्रति लोगों का प्रेम कुछ कम हुआ है लेकिन यह कभी समाप्त नहीं हो सकता है क्योंकि यह जीवन का दर्शन है और बेहतर इंसान बनने के लिए जीवन में इनका समावेश आवश्यक होता है.

बेहतर इंसान बनने के लिए साहित्य और कविता का जीवन में समावेश जरूरी

साहित्य और कविता को जिंदगी का फलसफा बताते हुए पुलिस महानिरीक्षक ने आज यहां कहा कि इंसान को और बेहतर इंसान बनने के लिए जीवन में साहित्य एवं कविता का समवेश करना जरूरी है. पंजाब कला साहित्य अकादमी की ओर से आयोजित डेजी एस शर्मा के कविता संग्रह के विमोचन के अवसर पर पुलिस महानिरीक्षक जालंधर जोन 2 अपर्ति शुक्ल ने कहा, कवितायें जिंदगी के दर्शन को बहुत कम शब्दों में बताती हैं जो इंसान को और बेहतर इंसान बनाने का काम करता है.

पुलिस अधिकारी ने कहा, आज के तेज भागदौड़ की जिंदगी में साहित्य और कविता के प्रति लोगों का प्रेम कुछ कम हुआ है लेकिन यह कभी समाप्त नहीं हो सकता है क्योंकि यह जीवन का दर्शन है और बेहतर इंसान बनने के लिए जीवन में इनका समावेश आवश्यक होता है.

उन्होंने कहा कि यह जिंदगी का फलसफा है जो जीवन को एक तरह से रिचार्ज करता है. यह हमारे जीवन में निरंतर बना हुआ है. इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार राकेश शांतिदूत ने कहा, कविता का दौर अब धीरे धीरे समाप्त हो रहा है लोगों की रूचि इसमें नहीं रही क्योंकि यह भी अर्थ पर टिकता जा रहा है इसलिए कविता के फैलाव के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जाना चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोगों को इससे जोड़ा जा सके.

कार्यक्रम को वरिष्ठ पत्रकार इरविन खन्ना के अलावा अन्य लोगों ने भी संबोधित किया. पुस्तक को आस्था प्रकाशन ने प्रकाशित किया है.
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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