यहां मिलेगी 62 भाषाओं में बच्चों की कहानियां

यहां मिलेगी 62 भाषाओं में बच्चों की कहानियां

नई दिल्‍ली:

मातृभाषा को बढ़ावा देने के लिए प्रथम बुक्स ने बच्चों के लिए एक अनोखी स्टोरीबैंक स्टोरीवीवर पेश की है, जहां वे निशुल्क अपनी पसंद की पुस्तकें अपनी भाषा में पढ़ सकते हैं. इस मंच पर दुनिया की 62 भाषाओं की 2800 कहानियां डिजिटल रूप में उपलब्ध हैं, जिसमें हिंदी की 385 कहानियां शामिल हैं. स्टोरीवीवर का प्रयोग भारत, फिलीपींस, इंडोनेशिया और बांग्लादेश के लोग खासतौर पर कर रहे हैं.

पिछले वर्ष अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस (8 सितम्बर, 2016) पर शुरू किया गया स्टोरीवीवर का 'फ्रीडम टू रीड' अभियान मातृभाषा दिवस पर संपन्न हुआ. 'फ्रीडम टू रीड' के अन्तर्गत बच्चों के लिए उनकी मातृभाषाओं में पढ़ने और आनंद लेने के लिए नई भाषाओं में कहानियां शामिल करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई.

मातृभाषा साक्षरता पर यूनेस्को की एक रिर्पोट में भी इस बात की पुष्टि हुई थी कि "बच्चों को उनकी अपनी भाषा में पढ़ाया जाना चाहिए, हालांकि अभी भी वैश्विक आबादी के 40 प्रतिशत तक को ऐसी शिक्षा के अवसर नहीं हैं, जो उस भाषा में दी जाती हो जिसे वे बोलते या समझते हों."

प्रथम बुक्स की अध्यक्षा सुजैन सिंह का मानना है, "बच्चे के समग्र विकास में मातृभाषा साक्षरता एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. मातृभाषाओं में कहानियां बच्चों को नए शब्दों और विचारों से परिचय करवाती हैं और इससे उनके विचारों की सीमाओं का विस्तार करने में मदद मिलती है. 'फ्रीडम टू रीड' अभियान हमारा एक प्रयास था उन भाषाओं में और अधिक कहानियां जोड़ने का, जिन्हें मुख्यधारा में स्थान नहीं मिल पाता."

स्टोरीवीवर को सन 2015 में 24 भाषाओं में 800 कहानियों के साथ शुरू किया गया था. आज इस मंच पर दुनिया की 62 भाषाओं में 2800 से अधिक कहानियां उपलब्ध हैं.

प्रथम बुक्स की स्थापना 'हर बच्चे के हाथ में एक पुस्तक' देखने के मिशन के साथ सन 2004 में एक गैर मुनाफा बच्चों के पुस्तक प्रकाशक के रूप में हुई. पिछले एक दशक में प्रथम बुक्स ने 300 से अधिक मौलिक किताबें 18 भाषाओं में प्रकाशित की हैं.

एजेंसी से इनपुट


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