पुस्तक मेले में सामाजिक कार्यकर्ता व लेखिका शीला डागा की किताब ‘किन्नर गाथा' का लोकार्पण

प्रगति मैदान में चल रहा विश्व पुस्तक मेला रविवार को समाप्त हो गया. इस बार मेले में तमाम नई किताबें आईं और इन पर चर्चा-परिचर्चा हुई.

पुस्तक मेले में सामाजिक कार्यकर्ता व लेखिका शीला डागा की किताब ‘किन्नर गाथा' का लोकार्पण

पुस्तक मेले में शीला डागा की किताब ‘किन्नर गाथा' का लोकार्पण एवं परिचर्चा की गयी.

नई दिल्ली :

प्रगति मैदान में चल रहा विश्व पुस्तक मेला रविवार को समाप्त हो गया. इस बार मेले में तमाम नई किताबें आईं और इन पर चर्चा-परिचर्चा हुई. इसी कड़ी में आखिरी दिन वाणी प्रकाशन के स्टॉल पर सामाजिक कार्यकर्ता व लेखिका शीला डागा की पुस्तक ‘किन्नर गाथा' का लोकार्पण एवं परिचर्चा की गयी. बता दें कि लेखिका शीला डागा किन्नर वर्ग के अस्तित्व को लेकर सामाजिक सरोकारों से जुड़ी रही हैं. परिचर्चा के दौरान वाणी प्रकाशन ग्रुप के प्रबन्ध निदेशक अरुण माहेश्वरी ने महत्त्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा, किन्नर हमारे सुख-दुख का अभिन्न अंग हैं. ‘किन्नर गाथा' वर्तमान सन्दर्भ में बहुत महत्त्वपूर्ण है.

वहीं, रंगकर्मी अरविन्द गौड़ ने कहा, जिन्हें अपने पेट को भरने के लिए देह बेचनी पड़ती है, आज इस समुदाय का आन्दोलन एक ख़ास पहचान लिए हुए है. वक्त बदल रहा है, वक्त के साथ समाज भी बदल रहा है. आखिरी दिन विश्व पुस्तक मेले में भारतीय भाषा कार्यक्रम के निदेशक व लेखक अभय कुमार दुबे की समाज विज्ञान पर आधारित पुस्तक 'हिन्दू-एकता बनाम ज्ञान की राजनीति' समेत अन्य कई किताबों का भी लोकार्पण हुआ और उन पर चर्चा हुई. 

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