अखिलेश यादव ने पार्कों व स्मारकों की जांच का आदेश दिया था.
खास बातें
- प्रतिमाओं को लेकर सुुप्रीम कोर्ट ने की है टिप्पणी
- कहा, मायावती को पैसे सरकारी खजाने में जमा कराने चाहिए
- अखिलेश यादव ने दिया था इस मामले में जांच का आदेश
नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव सिर पर है. सियासी दल तैयारियों में जोरशोर से जुट गए हैं. उत्तर प्रदेश में 'बुआ-भतीजे' की जोड़ी ताल ठोंक रही है. पिछले दिनों हुए उत्तर प्रदेश के उप-चुनावों में केंद्र और राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी को पटखनी देने वाली सपा-बसपा (SP-BSP) में गठबंधन के बाद सीटों का बंटवारा भी हो चुका है, लेकिन अब चुनाव की दहलीज पर खड़ी बसपा सुप्रीमो मायावती के लिए समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) द्वारा उठाया गया एक मुद्दा ही 'गले की हड्डी' बनता दिखाई दे रहा है. यह मामला मायावती (Mayawati) के मुख्यमंत्री रहते बने पार्को और स्मारकों में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है और एक बार फिर चर्चा में है. हाल ही में सुुप्रीम कोर्ट ने इन पार्कों व स्मारकों में लगी मायावती और बसपा के चुनाव चिन्ह हाथी की प्रतिमाओं को लेकर गंभीर टिप्पणी की और कहा कि इन मूर्तियों पर खर्च हुई धनराशि को मायावती (BSP Chief Mayawati) को सरकारी खजाने में जमा करना चाहिए.