कांग्रेस 'निर्णायक मोड़' पर पहुंची तो AAP ने रखी 'शर्त', कहा- इसके बिना नहीं होगा दिल्ली में गठबंधन

आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन (AAP- Congress Alliance) के फैसले पर कांग्रेस नेतृत्व द्वारा शनिवार को निर्णायक स्थिति में पहुंचने की सुगबुगाहट के साथ ही दिल्ली में सत्तारूढ़ पार्टी ने यह शर्त रख दी है.

कांग्रेस 'निर्णायक मोड़' पर पहुंची तो AAP ने रखी 'शर्त', कहा- इसके बिना नहीं होगा दिल्ली में गठबंधन

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार पार्टी में पिछले दो दिनों से आप के साथ गठबंधन के मुद्दे पर पार्टी की प्रदेश और केन्द्रीय नेताओं के बीच विचार मंथन जारी है.

खास बातें

  • कई दिनों से चल रही है गठबंधन की बातचीत
  • दोनों तरफ से कई बार किया गया मना
  • पर अभी नहीं लगा विराम
नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी (AAP) ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कांग्रेस (Congress) के साथ गठबंधन करने के लिए शर्त रखते हुए कहा है कि पार्टी कांग्रेस के साथ तभी चुनावी गठबंधन करेगी जब हरियाणा और चंडीगढ़ में भी दोनों दल मिल कर चुनाव लड़ें. आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन (AAP- Congress Alliance) के फैसले पर कांग्रेस नेतृत्व द्वारा शनिवार को निर्णायक स्थिति में पहुंचने की सुगबुगाहट के साथ ही दिल्ली में सत्तारूढ़ पार्टी ने यह शर्त रख दी है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि आप की तरफ से कांग्रेस नेतृत्व को दो शर्तें रखी गयी हैं. इसमें पहली शर्त यह है कि दिल्ली के साथ हरियाणा और चंडीगढ़ में भी कांग्रेस गठबंधन करे और दूसरा, कांग्रेस को आप के दिल्ली को पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग का समर्थन करना चाहिये.

आप संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने शनिवार को कांग्रेस खेमे में गठबंधन के मुद्दे पर पिछले दो दिनों से जारी हलचल के मद्देनजर आप की दिल्ली इकाई के संयोजक गोपाल राय, सांसद संजय सिंह और वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया के साथ बैठक की. पार्टी के एक नेता ने बताया, ‘कांग्रेस के साथ गठबंधन तभी संभव है जब हरियाणा की दस, दिल्ली की सात और चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर दोनों दल मिल कर चुनाव लड़ें. इसके अलावा कांग्रेस अगर आप के साथ गठबंधन करना चाहती है तो उसे दिल्ली की पूर्ण राज्य की मांग का भी समर्थन करना चाहिये'

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बता दें, गठबंधन की शुरुआती पहल के दौर में आप ने दिल्ली के अलावा पंजाब और हरियाणा में भी गठबंधन करने की कांग्रेस के समक्ष पेशकश की थी, लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पहले ही कांग्रेस नेतृत्व को राज्य में पार्टी के मजबूत होने का हवाला देते हुये आप के साथ गठबंधन की जरूरत को सिरे से खारिज कर दिया था. इसके बाद हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने भी पार्टी नेतृत्व को गठबंधन नहीं करने का सुझाव दिया है. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार पार्टी में पिछले दो दिनों से आप के साथ गठबंधन के मुद्दे पर पार्टी की प्रदेश और केन्द्रीय नेताओं के बीच विचार मंथन जारी है. 

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इस सिलसिले में कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी पी सी चाको ने शुक्रवार को प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित सहित अन्य नेताओं से मुलाकात कर गठबंधन के बारे में पार्टी नेताओं के बीच आमराय कायम करने की कोशिश की. इसके बाद देर शाम चाको ने हरियाणा में आप को एक सीट देने के मुद्दे पर हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर से मुलाकात की. सूत्रों के अनुसार हुड्डा और तंवर ने पार्टी नेतृत्व को आप के साथ हरियाणा में गठबंधन की जरूरत से दो टूक इंकार कर दिया. 

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इसके बाद शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सिर्फ दिल्ली में गठबंधन की संभावनायें टटोलने के लिये चाको और दीक्षित सहित अन्य नेताओं के साथ बैठक की. समझा जाता है कि दीक्षित सहित कांग्रेस के अन्य नेताओं में दिल्ली में आप के साथ गठबंधन पर सहमति बन गयी है. सीटों के बंटवारे को लेकर दीक्षित ने प्रदेश इकाई के नेताओं के साथ बैठक की. इस बीच केजरीवाल ने अकेले दिल्ली में गठबंधन की बात को अस्वीकार करते हुये कांग्रेस नेतृत्व को स्पष्ट कर दिया है कि चंडीगढ़ में कांग्रेस के उम्मीदवार को आप का समर्थन तब ही मिलेगा जब कांग्रेस हरियाणा में उसे तीन सीटों (फरीदाबाद, गुरुग्राम और करनाल) पर समर्थन दे.

(इनपुट-भाषा)

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